19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सासाराम में पारंपरिक खेती छोड़ स्ट्रॉबेरी उगाने में जुटे किसान, पुणे से मंगाये जाते हैं पौधे

स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों की माली हालत काफी हद तक सुधरी है. इससे वे लोग पारंपरिक खेती को छोड़ नकदी फसल उगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि लाल (बालू) व काली मिट्टी के लिए यह फसल काफी हद तक उपयुक्त है.

रोहतास जिले के कोचस प्रखंड क्षेत्र के रुपी गांव में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी से जुड़े किसानों ने काला गेहूं व बटन मशरूम की खेती में महारत हासिल करने के बाद अब स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. चार से पांच लाख रुपये प्रति एकड़ की लागत पर यह फसल दोगुना मुनाफा देकर किसानों को मालामाल कर रही है. इससे इन किसानों की आर्थिक हालत तेजी से सुधरने लगी है. दिनों दिन यह खेती इस क्षेत्र के किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है.

प्रति वर्ष 7 से 8 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं

इस खेती के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर आये फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी के कुशल किसान अशोक कुमार ने स्ट्रॉबेरी की खेती कर लाखों की मुनाफा कमा रहे है. उन्होंने बताया कि प्रति एकड़ 4 से 5 लाख रुपए के खर्च में इस खेती से 15 लाख रुपए की अलग अलग किस्मों की स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करते हैं. इसके हिसाब से वह प्रति वर्ष 7 से 8 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं. नतीजतन, प्रतिदिन आसपास के जिले व दूसरे प्रदेशों के किसान भी अशोक के खेतों पर आकर इस फसल के तौर तरीके सीख खुद इसकी शुरुआत कर रहे हैं.

पुणे से मंगाये जाते हैं पौधे

स्ट्रॉबेरी की खेती से किसानों की माली हालत काफी हद तक सुधरी है. इससे वे लोग पारंपरिक खेती को छोड़ नकदी फसल उगा रहे हैं. उन्होंने बताया कि लाल (बालू) व काली मिट्टी के लिए यह फसल काफी हद तक उपयुक्त है. 15 सितंबर से 31 अक्तूबर के बीच रोपाई करने से इस फसल की अच्छी पैदावार प्राप्त होती है. पुणे (महाराष्ट्र) स्थित महाबालेश्वर से इस पौधों को मंगाया जाता है. इस फसल से प्रति पौधे 6 से 8 सौ ग्राम फल उत्पादित होता है. शुरुआत दौर में स्ट्रॉबेरी बेचने के लिए मंडी व बाजार ढूंढ़ना पड़ा था, लेकिन अब व्यापारी हमें खुद तलाशते हैं. पटना, रांची व कोलकाता के बाजारों में यह फसल आसानी से बिक्री की जाती है.

https://www.youtube.com/watch?v=z5clxXOzoxU

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें