Jharkhand News: तसर की जैविक खेती से आत्मनिर्भर होंगे खरसावां के किसान, मिली ट्रेनिंग
खरसावां में तसर की जैविक खेती को बढ़ावा देने को लेकर क्षेत्र के किसानों को ट्रेनिंग दिया गया. इस दौरान बताया गया कि जैविक तरीके से तसर की खेती करने से देश-विदेश में मांग बढ़ेगा, वहीं किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा.
खरसावां (सरायकेला-खरसावां), शचिंद्र कुमार दाश : एक जिला-एक उत्पाद के तहत अब खरसावां में तसर की जैविक खेती को बढ़ावा दिया जायेगा. बताया गया कि भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (DPIIT) की ओर से कार्य योजना तैयार कर कार्य किया जा रहा है. इसको लेकर मंगलवार (24 जनवरी, 2023) को खरसावां के अग्र परियोजना कार्यालय में नेशनल प्रोग्राम फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्शन के तहत किसानों को प्रशिक्षण दिया गया. प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन कार्यक्रम कॉडिनेटर नचिकेता एवं अपूर्व कुमार, सहायक उद्योग निदेशक (कोल्हान) शिव कुमार, हॉटिकल्चर विभाग के हनुमंत राव आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
किसानों को जैविक खेती की मिली जानकारी
इस मौके पर दिल्ली से पहुंचे कार्यक्रम के कॉर्डिनेटर नचिकेता एवं अपूर्व कुमार ने किसानों को प्रशिक्षण देते हुए जैविक खेती से होने वाले लाभ के संबंध में बताया. कहा कि जैविक तरीके से तसर की खेती करने से देश-विदेश में मांग बढ़ेगा. इससे किसानों को रोजगार भी बढ़ेगा. कार्यक्रम के कॉर्डिनेटर नचिकेता ने बताया कि तसर की खेती में किसानों का दक्षता विकास के साथ साथ वैल्यू एडिशन पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही जैविक उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है. स्थानीय स्तर पर उत्पादन बढ़ाना है. मौके पर किसानों को कई तकनीकी पहलुओं की भी जानकारी दी गयी.
इनकी रही उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य रूप से खरसावां के अग्र परियोजना पदाधिकारी अखिलेश्वर प्रसाद, चाईबासा के अग्र परियोजना पदाधिकारी केके यादव, मनोहरपुर के अग्रपरियोजना पदाधिकारी प्रदीप महतो, विशेषज्ञ डॉ विकास कुमार, प्रभाकर सिंह, श्यामानंद मिश्रा, लक्ष्मण बिरुवा आदि उपस्थित थे.