जामताड़ा के किसानों को झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत मिलेंगे 4 हजार रुपये : डीसी

झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत जामताड़ा में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. फसल राहत योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र या वेबसाइट पर स्वयं जाकर आवेदन करना होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | October 31, 2023 2:07 PM

जामताड़ा : समाहरणालय स्थित एसजीएसवाई हॉल में झारखंड राज्य फसल राहत योजनांतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ डीसी शशि भूषण मेहरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. डीसी ने कहा कि इस साल बारिश में कमी के कारण धान की बुआई नहीं हो पाने की वजह से किसान को बहुत ही नुकसान हुआ है. राज्य के किसानों को हुए नुकसान की भरपाई करना मुश्किल है. किसानों को राहत पंहुचाने के लिए झारखंड सरकार किसानों के लिए झारखंड राज्य फसल राहत योजना लेकर आयी है. इस योजना के तहत आपदा के कारण किसानों को हुए फसल नुकसान के लिए सहायता राशि प्रदान की जायेगी. ताकि उन्हें थोड़ी राहत मिल सके और रबी फसल की खेती के लिए उनके हाथ में पूंजी मिल सके. सरकार राज्य के किसानों को फसल राहत योजना के तहत इस साल 30 फीसदी से 50 फीसदी तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 3000 रुपये सहायता राशि दी जाएगी तथा 50 फीसदी से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 4000 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि दी जायेगी. अधिकतम पांच एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जायेगी. मौके पर अपर समाहर्ता सुरेंद्र कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी चंद्रजीत खलको समेत अन्य कर्मी मौजूद थे.


इन दस्तावेज की होगी जरूरत:

झारखंड फसल राहत योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अपने नजदीकी प्रज्ञा केंद्र या https://jrfry.jharkhand.gov.in पर स्वयं जाकर आवेदन करना होगा. फसल राहत योजना लाभ लेने के लिए आवेदन की अंतिम 30 नवंबर रखी गयी है. ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसानों को आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, आधार से लिंक्ड बैंक खाता नंबर, किसान के जमीन की अपडेटेड रसीद, मुखिया, ग्राम प्रधान, राजस्व कर्मचारी, अंचलाधिकारी द्वारा निर्गत वंशावली, सरकारी जमीन पर खेती के लिए राजस्व विभाग की तरफ से निर्गत पट्टा, घोषणा पत्र (रैयत और बंटाईदार द्वारा), बंटाईदार किसान द्वारा सहमति पत्र, पंजीकृत किसानों की फसल बुआई का कुल रकबा देना होगा. योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को ऑनलाइन निबंधन के तहत रबी और खरीफ फसल के लिए अलग-अलग आवेदन करना होता है. योजना का लाभ लेने के लिए किसी प्रकार का प्रीमियम किसानों को नहीं देना होगा.

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