Farm Laws: तीन कृषि कानून रद्द होने तक आंदोलन रहेगा जारी, राकेश टिकैट ने पीएम मोदी की अपील ठुकराई

Farm Laws: पीएम मोदी आज देश के नाम अपने संबोधन में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला ले लिया. ये ऐतिहासिक फैसला लंबे समय से आंदोलनरत किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. वहीं, पीएम के इस फैसले के बाद पक्ष-विपक्ष की प्रतिक्रियाएं आनी शुरु हो गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2021 1:02 PM

पीएम मोदी ने आज कार्तिक पूर्णिमा और गुरु पर्व के अवसर पर देशवासियों को संबोधित करते हुए एक बड़ा और ऐतिहासिक एलान किया है. उन्होंने काफी समय से विरोध में रहे तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है. उन्होंने किसानों से क्षमा मांगते हुए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है. वहीं, इस महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इस फैसले को आने वाले समय में पांच राज्यों में होने वाली विधानसभा चुनाव में हार का डर बताया है.

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि आज से तीनों कृषि कानून इस देश में नहीं रहेंगे. एक बड़ा संदेश देश में गया है कि देश एकजुट हो तो कोई भी फैसला बदला जा सकता है. चुनाव में हार के डर से प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि कानून का वापस लिया है. किसानों की जीत देशवासियों की जीत हैं.

राकेश टिकैट ने पीएम मोदी की अपील ठुकराते हुए लिखा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.

वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि देश के अन्नदाता ने सत्याग्रह से अहंकार का सर झुका दिया। अन्याय के खिलाफ़ ये जीत मुबारक हो! जय हिंद, जय हिंद का किसान!

इधर कांग्रेसी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने तीन कृषि कानून पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 700 से ज़्यादा किसानों की मौत के बाद अगर ये सरकार कृषि क़ानून वापस लेती है तो इससे पता चलता है कि यह सरकार किसानों के बारे में कितना सोचती है. साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.

गाजीपुर बॉर्डर पर तीन कृषि कानून वापस लेने की खुशी में जश्न सा माहौल रहा. घोषणा के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों बांटी जलेबियां.

वहीं, तीन कृषि कानून वापस लेने पर शिवसेना के संजय राउत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि आज सरकार को तीनों कृषि क़ानून वापस लेने पड़े हैं, राजनीति की वजह से यह वापस लिए गए हैं लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं. पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर की वजह से यह क़ानून वापस लिए हैं. सरकार के ऊपर दबाव था आखिर में किसानों की जीत हुई.

वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों को बधाई देते हुए कहा कि मैं सभी देशवासियों को गुरू नानक देव की जयंती पर बधाई देता हूं. आज के दिन किसानों को बहुत बड़ी सफलता मिली है. मैं देश के सभी किसानों को बधाई देता हूं. अगर ये 3 कृषि कानून पहले वापस हो जाते तो 700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी.

कृषि कानून रद्द होने पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि क़ानून चाहे जैसे भी रहे हों लेकिन अगर कहीं से भी आवाज़ निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते. जब कहीं से आवाज़ उठी है तो उसकी भी सुनवाई होगी, बातचीत से, संवाद से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे.

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कृषि बिल वापस लेने पर सरकार को घेरते हुए कहा कि आपके नियत और बदलते रुख पर विश्वास करना मुश्किल है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि तीन कृषि बिल वापस लेना किसानों की बड़ी जीत है. उन्होंने कहा कि यह किसानों की बहुत बड़ी जीत है। मैं किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके संघर्ष को सलाम करता हूं। सरकार ने यह फ़ैसला उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया है.

BSP प्रमुख मायावती ने कहा कि हमारी पार्टी (BSP) की केंद्र सरकार से मांग है कि किसान आंदोलन के दौरान जिन किसानों की मृत्यु हुई है, केंद्र सरकार उन्हें उचित आर्थिक मदद दे और उनके परिवार में से एक सदस्य को सरकारी नौकरी ज़रूर दें.

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मोदी सरकार की तारिफ करते हुए कहा कि आइए हम एक साथ काम करते रहें, और अपनी सामूहिक भावना से भारत को आने वाले समय में और भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएं.

गृह मंत्री अमित शाह ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये घोषणा करने के लिए ‘गुरु पूरब’ के विशेष दिन को चुना, यह दर्शाता है कि प्रत्येक भारतीय के कल्याण के अलावा और कोई विचार नहीं है.

Next Article

Exit mobile version