Father’s Day 2023: धनबाद के गोविंदपुर में बेटे का दिखा पिता के प्रति प्यार, याद में लगायी आदमकद प्रतिमा
फादर्स डे पर धनबाद के गोविंदपुर का एक परिवार चर्चा में है. मोहन कुंभकार एवं आनंद प्रसाद ने अपने पिता की याद में जहां आदमकद प्रतिमा लगायी, वहीं पिता भानु प्रताप कुंभकार की स्मृति में भानु प्रताप फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना भी की. इस ट्रस्ट के माध्यम से कई सामाजिक एवं कल्याणकारी कार्य भी हो रहा है.
गोविंदपुर (धनबाद), दिलीप दीपक : धनबाद जिला अंतर्गत गोविंदपुर प्रखंड में एक बेटे का अपने पिता से असीम प्यार दिखा. फादर्स डे के मौके पर अपने पिता की याद में आदमकद प्रतिमा लगाकर उनके प्रति अनूठा प्रेम और श्रद्धा प्रदर्शित किया. उनके पिता का निधन 6 नवंबर, 2020 को हुआ था.
भानु प्रताप फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना
गोविंदपुर प्रखंड अंतर्गत खरनी ग्राम पंचायत के बाबूडीह ग्राम निवासी भाजपा नेता मोहन कुंभकार एवं उनके बड़े भाई आनंद प्रसाद ने अपने पिता जिला शिक्षा विभाग के अवकाश प्राप्त कर्मी भानु प्रताप कुंभकार की स्मृति में भानु प्रताप फाउंडेशन ट्रस्ट की स्थापना की है और अपने गांव में अपनी जमीन पर उनकी विशाल आदमकद प्रतिमा स्थापित की है.
गांव के चौक पर स्थापित है प्रतिमा
राजस्थान के जयपुर से प्रतिमा बनवायी और गांव के चौक पर स्थापना की. अपने पिता के प्रति मोहन कुंभकार एवं आनंद प्रसाद ने जो प्रेम प्रदर्शित किया है वह विरले ही मिलता है. दोनों भाइयों समेत परिवार के सदस्य हर दिन सुबह स्नान-ध्यान के बाद प्रतिमा का नमन करते हैं और साफ- सफाई भी करते हैं. यह इस परिवार की दिनचर्या में शामिल है. इस तरह की प्रतिमा पूरे प्रखंड में और किसी भी पुत्र ने स्थापित नहीं की है.
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सामाजिक एवं कल्याणकारी कार्य में जुटे हैं दोनों भाई
भानु प्रताप फाउंडेशन ट्रस्ट के माध्यम से अपने पिता की स्मृति में दोनों भाई सामाजिक एवं कल्याणकारी कार्य भी करते हैं. हर वर्ष ठंड के दिन में विभिन्न स्थानों पर ट्रस्ट की ओर से गरीबों के बीच कंबल वितरण किया जाता है. प्रतिमा स्थल के समीप स्थायी पनशाला भी स्थापित किया है. जहां से हर दिन गुजरने वाले लोग पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. ट्रस्ट की ओर से कई स्थानों पर रक्तदान शिविर भी लगाया जाता है .आने वाले समय में ट्रस्ट का दायरा पूरे प्रखंड में बढ़ाने की मोहन कुंभकार की योजना है.
पिता को किया नमन
मोहन कुंभकार ने कहा कि जन्म से लेकर सारा चीज पिताजी की देन है. उनकी याद में उन्होंने एक छोटा सा प्रयास किया है.उन्होंने कहा कि जिंदगी में पिता से बढ़कर कुछ नहीं है. पितृ दिवस तो औपचारिकता है. सच्चे पुत्र के लिए हर दिन पितृ दिवस होता है. वह प्रत्येक दिन सुबह प्रतिमा स्थल पर जाकर अपने पिता को नमन करते हैं. श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस परंपरा का निर्वाह एवं उनके परिवार के लोग आजीवन करते रहेंगे. फादर्स डे पर मोहन कुंभकार एवं उनके भाई ने प्रतिमा स्थल पर जाकर पिता के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्हें नमन किया.