Unique Condition: बेटी की विदाई करने के लिए पिता ने अनोखी शर्त रखी है. बेटी के पिता ने कहा कि जब तक समधी उनके घर आकर खाना नहीं खायेंगे और एक रात नहीं बितायेंगे, तब तक वह अपनी बेटी की विदाई नहीं करेंगे. हालांकि, पहले उनके समधी नहीं माने, बाद में समझाने-बुझाने पर वे शर्त मानने के लिए तैयार हो गये.
Also Read: Bhagalpur: अवैध संबंध के आरोप से आहत पांच बच्चों की मां ने जहर खाकर दे दी जान
यह घटना पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में देखने को मिला. विदाई को लेकर दोनों समधी आपस में भिड़ गये. दरअसल, दोनों के बीच मनमुटाव पहले से चल रहा था. बेटी की विदाई की बात जब सामने आयी, तो बेटी के पिता ने शर्त रख दी. शर्त थी कि जब तक समधी उनके घर आकर खाना नहीं खायेंगे और एक रात नहीं बितायेंगे, तब तक वह अपनी बेटी की विदाई नहीं करेंगे. बेटी के पिता की शर्त पर लड़के के पिता पहले तैयार नहीं हुए.
Also Read: New Rail Line: लहेरियासराय से सहरसा के बीच तीन जोड़ी डेमू स्पेशल का परिचालन आठ मई से शुरू, देखें टाइमटेबल
बाद में केंद्र के सदस्यों द्वारा समझाने के बाद वे शर्त मानने के लिए तैयार हो गये. इसके बाद दोनों ओर से बंधपत्र बनाया गया. रुपौली थाने के बालूटोल की एक विवाहिता ने अपनी ससुराल वाले मधेपुरा जिले के चौसा बस्ती का निवासी के खिलाफ शिकायत की थी कि उसके पति के काम के सिलसिले में बाहर जाने पर ससुर, सास और देवर उसके साथ मारपीट करते हैं. समझाने पर दोनों पक्षों ने परामर्श केंद्र को विश्वास दिलाया कि भविष्य में अब शिकायत का कोई मौका नहीं देंगे.
Also Read: Bhagalpur: टीएमबीयू में बीएड और एमबीए परीक्षा के लिए नौ मई से भरा जायेगा फॉर्म
केनगर और मधेपुरा जिले के मियां-बीवी का मामला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में आया. इसमें महिला के घरवालों का कहना था कि लड़का जब घर-जमाई बनकर रहेगा, तभी उसकी बेटी साथ रहेगी. लड़का इसके लिए तैयार नहीं हुआ. वहीं, उसकी बीवी का कहना था कि उसका पति नशे का सेवन करता है. यदि वह नशे का सेवन नहीं करे, तो वह उसके साथ रहने को तैयार है. इसके बाद पति ने नशा नहीं करने की कसम खायी. इस प्रकार दोनों का मिलन केंद्र में कराया गया.
Also Read: Weather: कोसी, सीमांचल और पूर्व बिहार के अलग-अलग स्थानों पर होगी बारिश
डगरूआ थाना क्षेत्र का एक ऐसा मामला पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में आया, जिसका निदान नहीं हो पाया. इस मामले में पत्नी की शिकायत थी कि उसके पति ने दूसरी शादी कर ली है, इसलिए वह पति के साथ नहीं जायेगी. काफी समझाने पर भी वह अपनी जिद पर अड़ी रही. पत्नी ने कहा कि 12 साल पहले उसकी शादी हुई है. उसका सवाल था कि उसे छोड़ कर उसके पति ने दूसरी शादी क्यों की? काफी समझाने पर भी मामला जब नहीं सुलझ पाया, तो केंद्र ने मामले को थाने या न्यायालय से सुलझा लेने की सलाह दी.
केंद्र में आये कुल 25 मामलों की सुनवाई करते हुए 10 मामले सुलझाये गये. इनमें से आठ मामलों में मेल-मिलाप कराया गया. वहीं, दो मामलों को थाना या न्यायालय जाने की सलाह दी गयी. मामले को सुलझाने में केंद्र की संयोजिका सह महिला थानाध्यक्ष किरण बाला, सदस्य दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, रविंद्र साह, जीनत रहमान, प्रमोद जायसवाल एवं कार्यालय सहायक नारायण गुप्ता ने अहम भूमिका निभायी.