गिरिडीह : प्रतिबिंब पोर्टल के सहारे अपराधियों को पकड़ने में मिल रही पुलिस की सफलता को देखते हुए अब साइबर अपराधियों ने अपना तरीका बदलना शुरू कर दिया है. एक ओर जहां सेफ जोन की तलाश में अपराधी भटक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पकड़े जाने के भय से तेजी से अपने पुराने और मोबाइल सिम को भी बदल रहे हैं. अभी तक साइबर अपराधी एक ही मोबाइल से कई-कई माह तक लोगों से ठगी करते थे. वहीं एक ही सिम से कई लोगों को निशाना बनाया जाता था. अब पुलिस से पकड़े जाने का डर इन्हें सताने लगा है. फलस्वरूप साइबर अपराध से जुड़े लोग अब अपना सिम और मोबाइल दोनों बदल रहे हैं. बताया जा रहा है कि बंगाल से बड़े पैमाने पर सिम और मोबाइल झारखंड में खपाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार एक-एक साइबर अपराधी लगभग एक-एक सौ सिम खरीदकर अपने सुरक्षित ठिकानों में रख रहे हैं. वहीं, सस्ते दर पर बंगाल से मोबाइल लाया जा रहा है. अब जिस सिम से वे ठगी कर रहे हैं, उस सिम को तुरंत तोड़कर फेंक दिया जा रहा है. जबकि, आइएमइआइ के जरिये मोबाइल के इस्तेमाल से पकड़े नहीं जायें, इसके भय से ये तेजी से मोबाइल भी बदल रहे हैं. पुलिस भी वैसे मोबाइल का आइएमइआइ चिह्नित कर ब्लॉक करती है, जिससे वे क्राइम करते हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जिस मोबाइल का आइएमइआइ ब्लॉक कर दिया जाता है, वह मोबाइल स्वत: लॉक हो जाता है. इस स्थिति को देखते हुए भी मोबाइल बदलना साइबर अपराधियों की मजबूरी है.
साइबर अपराधी द्वारा सिम और मोबाइल बदलने की सूचना पुलिस को भी है. इसलिए पुलिस भी साइबर अपराधियों को सिम उपलब्ध ना हो, इसका प्रयास शुरू कर दिया है. अब सिम प्रोवाइडर भी पुलिस के टारगेट में हैं. पुलिस सूत्रों की मानें तो साइबर अपराधियों को सिम और मोबाइल प्रोवाइड करने वालों को भी चिह्नित कर उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए गिरिडीह पुलिस ने डीजीपी को एक रिपोर्ट भेजने की भी तैयारी की है. पिछले दिनों देवघर जिला के बुढ़ई के पास साइबर अपराधियों को सिम और मोबाइल आपूर्ति करने वाला दुकान संचालक की गिरफ्तारी और उससे मिली कई महत्वपूर्ण सूचनाओं के बाद पुलिस ने और ठोस कदम उठाने की योजना बनायी है. लिस अब इस दुकान संचालक को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. सिम और मोबाइल आपूर्तिकर्ता का पता लगाने की कोशिश होगा.
पुलिस सूत्रों का कहना है कि काफी संख्या में साइबर अपराधी पकड़े जाने के बाद पुन: इस धंधे में लौट रहे थे. साइबर अपराधियों का मानना था कि पकड़े जाने के छह माह बाद वे बेल लेंगे और जेल से बाहर निकलने के बाद पुन: घटना को अंजाम देंगे. सूत्रों की मानें तो मोटी रकम कमाने की लालच में वह इसी धंधे में लिप्त रहना चाहते हैं. पुलिस सूत्रों का कहना है कि ऐसे अपराधी पुन: अपराध में नहीं लौटे, इसके लिए न सिर्फ पुलिस अनुसंधान में तेजी लाने जा रही है, बल्कि साइबर अपराधियों के आर्थिक ढांचा को ध्वस्त करने की भी रणनीति पर काम कर रही है. हाल के दिनों में गिरिडीह पुलिस ने तीन अफसरों को वैसे साइबर अपराधियों को चिह्नित कर उनके आर्थिक स्रोत का पता लगाने की जिम्मेदारी दी है, जिसने साइबर अपराध के जरिये मोटी रकम कमायी है. कई अपराधी साइबर अपराध से जुड़कर एक या दो माह में ही दोपहिया और चार चहिया वाहन की खरीदी कर लेते हैं और ऐशोआराम की जिंदगी व्यतीत करते हैं. पुलिस ऐसे साइबर अपराधियों पर नकेल डालने के लिए आयकर विभाग का भी सहारा लेने का मन बनाया है. पुलिस का मानना है कि नक्सलियों की तरह ही साइबर अपराधियों का भी आर्थिक स्रोत ध्वस्त हो जाने से वह पुन: अपराध में नहीं लौटेंगे.
गिरिडीह पुलिस की छापेमारी और साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी से देशभर के अन्य भाग में इसमें संलिप्त अपराधियों में कमी अयी है. साइबर ठगी करने के मामले में देशभर में गिरिडीह का स्थान दसवां था. कुल ठगी का दो प्रतिशत हिस्से में गिरिडीह जिले के साइबर अपराधियों का योगदान था. अब इसमें भी गिरावट आने की उम्मीद है. पुलिस सूत्रों का कहना है कि तीन माह पूर्व देश के विभिन्न राज्यों से पुलिस हर दो-तीन दिन पर पहुंचती थी, अब इसमें अप्रत्याशित रूप से कमी आयी है. अब 20-25 दिनों में किसी राज्य की पुलिस किसी साइबर अपराधी को पकड़ने गिरिडीह पहुंचती है.
गिरफ्तार किये गये साइबर अपराधियों से पुलिस को कई महत्वपूर्ण जानकारियां हाथ लगी हैं. बताया जा रहा है कि प्रतिबिंब पोर्टल के साथ-साथ पुलिस को अन्य स्रोतों से भी कई सक्रिय साइबर अपराधियों के बारे में जानकारी मिली है. पुलिस को यह भी सूचना मिली है कि कुछ साइबर अपराधी कार, स्कॉर्पियो और बोलेरो की खरीदी अपने रिश्तेदारों के नाम से की है. इन वाहनों की धर-पकड़ के लिए भी पुलिस ने गिरिडीह-देवघर के सीमा पर गांडेय व अहिल्यापुर के इलाके में छापेमारी कर रही है. एक दर्जन से भी ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ किया जा रहा है. एक अपराधी चार पहिया वाहन लेकर बिहार की ओर फरार हो गया है. साइबर डीएसपी संदीप सुमन समदर्शी ने बताया कि अभी कुछ भी बताना मुश्किल है. कई थाना क्षेत्र में छापेमारी की जा रही है. इस क्रम में पुलिस ने कई लोगों से पूछताछ भी की है और कई को हिरासत में भी लिया गया है.
श्री दीपक कुमार शर्मा के गिरिडीह में एसपी का पदभार संभालने के बाद से अब तक प्रतिबिंब पोर्टल में चिह्नित किये गये साइबर अपराधियों को पकड़ने में तेजी आयी है. अभी तक 97 साइबर अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा है. एक-दो दिनों में पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी का शतक पूरा कर लेगी.
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