खाद की कमी: सीतामढ़ी में यूरिया के लिए सुबह सात बजे से खड़े किसानों पर पुलिस ने बरसाये डंडे
सीतामढ़ी में यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान खाद के लिए सुबह सात बजे से दुकान के बाहर लाइन में लग जाते हैं। पुलिस की कार्रवाई से ग्रामीणों में बड़ा आक्रोश है।
सीतामढ़ी में यूरिया खाद लेने पहुंचे किसानों को पुलिस की लाठी का सामना करना पड़ा। लाठीचार्ज में एक किसान बुरी तरह से घायल हो गया। सिर में चोट लगने के कारण किसान का काफी खून बह गया। ग्रामीणों ने उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया। जहां मरहम-पट्टी के बाद उसे छुट्टी दे दी गयी। जिले में धान की रोपनी शुरू हो गयी है। ऐसे में जिले में युरिया की कमी के कारण किसानों के बीच हहाकार मचा हुआ है। बताया जा रहा है कि जहां पुलिस ने बल प्रयोग किया है वहां किसान सुबह सात बजे से खाद के लिए लाइन में लग जाते हैं। भीड़ ज्यादा, कतार लंबी और खाद की किल्लत के बीच वहां अफरातफरी की स्थिति हो गयी। इसके बाद जब किसान बेकाबू होने लगी तो पुलिस वालों बल प्रयोग करना पड़ा।
मौके पर पहुंचते पुलिस दिखाना शुरू किया रौब: ग्रामीण
सीतामढ़ी के रीगा स्थित बिस्कोमान भवन के काउंटर पर अचानक भीड़ काफी बढ़ गयी। इसके बाद पुलिस को बुलाया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि मौके पर पहुंचते ही पुलिस ने अपना रौब दिखाना शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर लाठीचार्ज कर दी. इस लाठीचार्ज से एक किसान बुरी तरह घायल हो गया. घायल किसान की पहचान रीगा के इमली बाजार के रहनेवाले जीतू सहनी के रूप में हुई है. हालांकि बताया जा रहा है कि घटना के बाद अवर निरीक्षक रणवीर सिंह ने सरकारी गाड़ी से घायल किसान के घर 4 बोरा यूरिया खाद पहुंचाया।
घटना के बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश
खाद लेने गए किसानों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई से इलाके के ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लाठीचार्ज में घायल हुए जीतू साहनी ने बताया कि पुलिस की लाठी सिर पर लगी थी। भगवान की दया से जान बच गयी। सीतामढ़ी के किसान नेता नागेंद्र प्रसाद सिंह ने खाद वितरण के तरीके का विरोध किया है. उन्होंने बताया कि प्रत्येक पंचायतों में पैक्स के माध्यम से खाद का वितरण होता तो कहीं भी हंगामा नहीं होता. नयी व्यवस्था से अव्यवस्था फैल रही है।