Janmashtami 2023: जन्माष्टमी व्रत कब 6 या 7 सितंबर, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, व्रत कथा और महत्व

Janmashtami 2023 Date: हिन्दू धर्म में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व का विशेष महत्व है. इस साल जन्माष्टमी का पर्व 6 सितंबर 2023 दिन बुधवार को है. इस वर्ष जन्माष्टमी पर कई वर्षों के बाद ऐसा संयोग बना है, जो बहुत ही दुर्लभ है.

By Radheshyam Kushwaha | September 5, 2023 8:47 AM
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Janmashtami 2023 Date and Time Shubh Muhurt Vrat Niyam Fasting Rules Puja Vidhi: हिंदू धर्म में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि बेहद खास होता है. हर वर्ष इस दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है. इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जाएगी. इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर 6 सितंबर को बहुत ही शुभ जयंती योग भी बन रहा है. इसलिए गृहस्थ लोगों के लिए 6 सितंबर के दिन जन्माष्टमी का व्रत रखना बहुत ही शुभ रहने वाला है. इसके अलावा साधु और ऋषियों के लिए 7 सितंबर के दिन जन्माष्टमी का व्रत रहेगा. आइए जानते है श्रीकृष्ण पूजा का सही समय, व्रत नियम, पूजा विधि और सबकुछ…

Janmashtami 2023 shubh yog: इस बार जन्माष्टमी पर बन रहा शुभ योग

इस साल का जन्माष्टमी बेहद खास है. क्योंकि 6 सितंबर को बहुत ही शुभ जयंती योग भी बन रहा है. इसलिए गृहस्थ लोगों के लिए 6 सितंबर के दिन जन्माष्टमी का व्रत रखना बहुत ही शुभ रहने वाला है. इसके अलावा साधु और ऋषियों के लिए 7 सितंबर के दिन जन्माष्टमी का व्रत रहेगा.

जन्माष्टमी 2023 शुभ मुहूर्त (Janmashtami 2023 Shubh Muhurat)

  • जन्माष्टमी तिथि बुधवार 6 सितंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से शुरू होगी.

  • अष्टमी तिथि 7 सितंबर 2023 के दिन शाम 04 बजकर 14 मिनट पर समाप्त होगी.

  • जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त रात्रि 12 बजकर 02 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.

  • निशिता पूजा समय – 06 सितंबर की रात 11 बजकर 57 मिनट से रात 12 बजकर 42 मिनट तक

  • रोहिणी नक्षत्र का आरंभ – 6 सितंबर 2023 सुबह 9 बजकर 20 मिनट से

  • रोहिणी नक्षत्र का समापन- 7 सितंबर 2023 को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर

  • भगवान श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि 12 बजे रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.

Janmashtami 2023 vrat puja: कब रखा जाएगा जन्माष्टमी का व्रत

भाद्रपद अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट से प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को शाम में 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगी. इसी के साथ रोहिणी नक्षत्र का आरंभ 6 सितंबर को सुबह 9 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगी और 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगी. गृहस्थ लोग जन्माष्टमी का व्रत 6 तारीख को रखेंगे, जबकि वैष्णव व बल्लभ पंथ मानने वालों की जन्माष्टमी 7 सितंबर को है.

Janmashtami 2023 vrat puja: जानें मुख्य बातें

  • भाद्रपद की अष्टमी तिथि के दिन भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था

  • इस साल यह तिथि 6 सितंबर दिन बुधवार को दोपहर 3 बजकर 37 मिनट पर शुरू होगी

  • अष्टमी तिथि का समापन 7 सितंबर को शाम 4 बजकर 14 मिनट पर होगा.

  • धर्म पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि के समय रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.

  • इस साल कृष्ण जन्माष्टमी 6 सितंबर दिन बुधवार को मनाई जाएगी.

  • इस दिन सुबह 9 बजकर 20 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र शुरू होगा.

  • रोहिणी नक्षत्र अगले दिन 07 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट पर समाप्त होगा.

  • जन्माष्टमी का त्योहार आमतौर पर दो दिन मनाया जाता है.

  • गृहस्थ लोग 6 सितंबर को जन्माष्टमी मनाएंगे.

  • वैष्णव संप्रदाय में 7 सितंबर के कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव मनाएंगे.

Janmashtami 2023 Puja Vidhi: जन्माष्टमी 2023 पूजा विधि

  • जन्माष्टमी व्रत अष्टमी के उपवास से पूजन और नवमी के पारण के बाद व्रत पूरी होती है.

  • जन्माष्टमी व्रत के एक दिन पहले यानी सप्तमी के दिन हल्का और सात्विक भोजन ही करना चाहिए.

  • जन्माष्टमी व्रत वाले दिन प्रातः स्नान आदि से निवृत होकर सभी देवताओं को नमस्कार करें.

  • फिर पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं.

  • इसके बाद हाथ में जल, फल और पुष्प लेकर व्रत का संकल्प लें.

  • वहीं मध्यान्ह के समय काले तिल का जल छिड़क कर देवकी जी के लिए प्रसूति गृह बनाएं.

  • अब इस सूतिका गृह में सुंदर सा बिछौना बिछाकर उस पर कलश स्थापित करें.

  • भगवान कृष्ण और माता देवकी जी की मूर्ति या सुंदर चित्र स्थापित करें.

  • देवकी, वासुदेव, बलदेव, नन्द, यशोदा और लक्ष्मी जी का नाम लेते हुए विधिवत पूजन करें.

  • यह व्रत रात 12 बजे के बाद ही खोला जाता है. इस व्रत में अनाज का उपयोग नहीं किया जाता.

  • फलाहार के रूप में मावे की बर्फी और सिंघाड़े के आटे का हलवा और फल खा सकते हैं.

  • जन्माष्टमी को गोकुलाष्टमी, श्रीकृष्ण जयंती, कृष्णाष्टमी और जन्माष्टमी भी कहा जाता है.

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