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FIH Hockey World Cup 2023: यह है भारतीय हॉकी टीम की ताकत, कोच ने किया खुलासा

हमारी टीम के खिलाड़ियों में आज के जमाने की हॉकी के जरूरी हर का तकनीकी हॉकी कौशल. हमारे खिलाडियों की पासिंग बढिया है. हमारे खिलाड़ियों के पास थ्री डी स्किल है के साथ खतरनाक ड्रैग फ्लिक भी हैं. कहने का मकसद यही है कि हमारी मौजूदा हॉकी टीम आज की हॉकी के जरूरी हर तरह के कौशल में पारंगत है.

By सतेंद्र पाल सिंह | January 10, 2023 10:18 PM

ओडिशा में 15वें एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप की शुरुआत होने में अब कुछ ही दिन शेष रह गये हैं. पहले ही मुकाबले में 13 जनवरी को भारत की भिड़ंत स्पेन से होगी. वर्ल्ड कप में भारतीय टीम जब अपने अभियान की शुरुआत करेगी, तो उसकी नजर ट्रॉफी पर होगी. टीम की सबसे बड़ी ताकत है कि सभी खिलाड़ी आज के जमाने की हॉकी से कदमताल करते हुए किसी भी पॉजीशन पर खेलने की क्षमता रखते हैं.

भारतीय टीम में तकनीकी हॉकी खेलने की कौशल

हमारी टीम के खिलाड़ियों में आज के जमाने की हॉकी के जरूरी हर का तकनीकी हॉकी कौशल. हमारे खिलाडियों की पासिंग बढिया है. हमारे खिलाड़ियों के पास थ्री डी स्किल है के साथ खतरनाक ड्रैग फ्लिक भी हैं. कहने का मकसद यही है कि हमारी मौजूदा हॉकी टीम आज की हॉकी के जरूरी हर तरह के कौशल में पारंगत है. हमारी टीम आज भी उसी शैली से खेल रही है जिससे 2018 से खेल रहे है. हमारी टीम आक्रामक हॉकी खेलती नजर आ रही है. हमारी टीम की ताकत भी आक्रामक हॉकी है. इसी से भारत की प्रतिद्वंद्वी टीमें खौफ खाती है.

भारतीय टीम की ताकत हेड कोच

भारत के कोच स्पेन के हेड कोच मैक्स कालडा को जानते हैं क्योंकि पिछले विश्व कप में मैक्स उपविजेता रही नीदरलैंड टीम के हेड कोच थे और रीड सहायक कोच. मैक्स और रीड दोनों अनुभवी कोच हैं और एक दूसरे की रणनीति को जानते हैं और उसकी काट भी. दोनों की रणनीति का स्पेन और भारत के पहे ही मेच में इम्तिहान होगा. खासतौर पर भारतीय टीम को ओडिशा में हॉकी विश्व कप में घरेलू दर्शकों के अपार समर्थन का मेजबान टीम को बहुत लाभ मिलेगा और उसके लिए हौसला बढ़ाने वाला साबित होगा.

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फिर 2023 हॉकी विश्व कप में हमें किस चीज पर खास ध्यान देना होगा?

हमें इस बार 2023 के हॉकी विश्व कप में खासतौर पर अपने पूल डी में इंग्लैंड और स्पेन के जवाबी हमलों से चौकस रहना होगा. हमारी टीम को इस बात का खास ध्यान रखना होगा कि क्वॉर्टर फाइनल और सेमीफाइनल जैसे नॉकआउट पूल से एकदम अलग होते हैं और इसमें आप जरा सी भी ढील या गलती गवारा नहीं कर सकते हैं. क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल के फैसले हॉकी विश्व कप जैसे बड़े नॉकआउट में ज्यादातर 60 मिनट की बजाय शूटआउट में ही ज्यादा होते हैं. इसमें आठ 22 गज से मात्र 8 सेकंड के भीतर गोल करने में सक्षम सात आठ खिलाड़ियों की सूची बना कोच अपने जेहन में रखता है. उसमें मैच के दिन के मुताबिक किसी भी खिलाड़ी और गोलरक्षक के दिन विशेष के प्रदर्शन को जेहन में रख कर शूटआउट के लिए चुना जाता है. मुमकिन है कि किसी गोलरक्षक का प्रदर्शन मैच के दिन अच्छा न रहे या फिर शूटआउट में गोल करने के लिए पहले से कोच के जेहन मे खिलाड़ी का नाम चल रहा हो वह मैच अच्छा न खेला हो. मसलन पिछले मैच जो खिलाड़ी बाहर बैठता है वह शूटआउट में उतर गोल बाजी मार अपनी टीम का तारणहार बन सकता है.

वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के हाथों भारत को मिली करारी हार, लेकिन कोच ने इसे नहीं दी तवज्जो

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई पांच टेस्ट मैच की सीरीज मे मेजबान टीम के हाथों 1-4 हार के नतीजे को मैं बहुत तवज्जो नहीं देना चाहूंगा. भारत के चीफ कोच ग्राहम रीड को इस हॉकी विश्व कप के लिए अपने 18 इससे पहले ही मालूम थे. इसीलिए रीड ने चोट के बाद वापसी करने वाले खिलाड़ियों को ज्यादा आजमाया. मैं इसीलिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के नतीजे से ज्यादा अहम इससे मिली सीख को मानता हूं.

पीआर श्रीजेश खेलेंगे अपना चौथा वर्ल्ड कप

भारत के लिय गोलरक्षक पीआर श्रीजेश अपना लगातार चौथा, आकाशदीप, मनप्रीत, मनदीप और ललित उपाध्याय लगातार तीसरा विश्व कप खेलेंगे. भारत के लिए इस विश्व कप में इन चारों का रोल आपकी राय में? सच कहूंगा कि पीआर श्रीजेश, आकाशदीप, मनदीप, मनप्रीत अैर ललित उपाध्याय के रूप में विश्व कप में खेलने के लिहाज से भारत की झोली अनुभव से लबालब भरी है. ये पांचों दिग्गज भी दिल से यह बात जानते होंगे कि यह उनका अपने घर में विश्व कप के रूप में आखिरी सबसे बड़ा टूर्नामेंट है. ऐसे में भारतीय हॉकी टीम के इस सभी दिग्गजों के लिए जरूरी वे अपने पूरे अनुभव का इसतेमाल भारतीय टीम के नए खिलाडिय़ों के एक सूत्र में पिरोए और उसे इस बार विश्व कप में पदक जिताने तक ले जाए.

(लेखक वरिष्ठ खेल पत्रकार हैं)

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