FIH Hockey World Cup 13 जनवरी से, एशियाई चुनौती की अगुआई करेगा भारत, पाकिस्तान नहीं कर सका है क्वालिफाइ

3 जनवरी से हॉकी विश्व कप ओड़िशा के भुवनेश्वर और राउरकेला जैसे दो शहरों में होने वाला है, तो इस टीम से फैंस की उम्मीदें बढ़ गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 10, 2023 12:50 PM

भारतीय हॉकी फिर निखर रही है. पिछले कुछ महीनों से हमारा प्रदर्शन प्रशंसनीय रहा है. भारतीय टीम 2021 तोक्यो ओलिंपिक में करीब चार दशक बाद कांस्य पदक जीत कर लय में लौटने के संकेत दे चुकी है. अब चुनौती घर में होने जा रहा है. 13 जनवरी से हॉकी विश्व कप ओड़िशा के भुवनेश्वर और राउरकेला जैसे दो शहरों में होनेवाला है, तो इस टीम से फैंस की उम्मीदें बढ़ गयी है. अब भारतीय टीम की कोशिश है कि अब वो इसी सफलता को वर्ल्ड कप में भी दोहराये, जहां वो सालों से खाली हाथ है.

1975 में भारत ने जीता था खिताब

भारतीय टीम ने 1975 में खिताब जीता था, तब से टीम क्वार्टर फाइनल से आगे बढ़ नहीं सकी है. शुरुआती वर्षों में एशियाई टीमों का हॉकी में काफी हद तक वर्चस्व था. भारत और पाकिस्तान ने ओलिंपिक खेलों में पहले 15 गोल्ड मेडलों में से 11 जीते थे. खेल को 60 के दशक के अंत और 70 के दशक की शुरुआत में यूरोपीय देशों के बीच वैश्विक लोकप्रियता मिलनी शुरू हुई. घास की सतह की शुरुआत ने हॉकी की वैश्विक गतिशीलता को और बदल दिया.

एशियाई चुनौती की अगुआई भारत के कंधों पर

खेल की बढ़ी हुई गति ने एशियाई टीमों को अपनी दशकों पुरानी खेल शैली को संशोधित करने के लिए संघर्ष करते देखा, जबकि यूरोपीय टीमों ने तेजी से सतह पर अपना पैर जमा लिया. इसका नतीजा यह है कि 1994 के बाद कोई भी एशियाई देश विश्व कप हॉकी का खिताब नहीं जीत सका है. सबसे अधिक चार बार खिताब जीतनेवाला पाकिस्तान इस बार क्वालिफाइ भी नहीं कर सका है. इसका नतीजा यह है कि अब एशियाई चुनौती की अगुआई भारत के कंधों पर आ गयी है, जिसे वह अपने घर में दो-दो हाथ करने को तैयार है.

सबसे अधिक चार बार पाकिस्तान ने जीते हैं खिताब

टूर्नामेंट के पहले सीजन के चैंपियन पाकिस्तान ने पुरुष हॉकी विश्व कप का खिताब चार बार जीते हैं. पाकिस्तान 4 गोल्ड और 2 रजत के साथ सबसे सफल टीम रही है. ऑस्ट्रेलिया और नीदरलैंड की टीमों ने तीन-तीन बार खिताब जीते हैं. भारत ने अंतिम बार 1975 में सुरजीत सिंह रंधावा और अशोक कुमार के गोल की मदद से पाकिस्तान को 2-1 से हरा कर विश्व खिताब जीता था. भारत ने 1971 में कांस्य और 1973 में रजत पदक जीता था.

विश्व कप में भारत

साल प्रदर्शन

1971 – तीसरा स्थान/कांस्य पदक

1973 – दूसरा स्थान/रजत पदक

1975 – पहला स्थान/स्वर्ण पदक

1978 – छठा स्थान

1982 – पांचवां स्थान

1986 – 12वां स्थान

1990 – 10वां स्थान

1994 – पांचवां स्थान

1998 – नौवां स्थान

2002 – 10वां स्थान

2006 – 11वां स्थान

2010 – आठवां स्थान

2014 – नौवां स्थान

2018 – छठा स्थान

क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पा रही टीम

स्टार ड्रैगफ्लिकर हरमनप्रीत सिंह की अगुआई में भारतीय टीम इस बार क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाने की बाधा को तोड़ सकती है. 1975 का विश्वकप जीतने के बाद भारत सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सका है. इसके बाद 1982 और 1994 में पांचवें स्थान पर रहकर भारत का श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा है. पिछली बार 2018 में भुवनेश्वर में हुए विश्वकप में भारत छठवें स्थान पर रहा था. भारतीय टीम को अंतिम समय में गोल खाने की कमी पर काम करने की जरूरत है. हालांकि हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में हुई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम भले ही 1-4 से हार गयी थी, लेकिन उसने अंतिम समय में गोल भी किये. विशेषकर पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में बदला. इससे भारत के इस बार पदक जीतने की ज्यादा उम्मीद लग रही है.

विश्व कप के विजेता

वर्ष – विजेता – उपविजेता

1971 – पाकिस्तान – स्पेन

1973 – नीदरलैंड – भारत

1975 – भारत – पाकिस्तान

1978 – पाकिस्तान – नीदरलैड

1982 – पाकिस्तान – पश्चिम जर्मनी

1986 – ऑस्ट्रेलिया – इंग्लैंड

1990 – नीदरलैंड – पाकिस्तान

1994 – पाकिस्तान – नीदरलैंड

1998 – नीदरलैंड – स्पेन

2002 – जर्मनी – ऑस्ट्रेलिया

2006 – जर्मनी – ऑस्ट्रेलिया

2010 – ऑस्ट्रेलिया – जर्मनी

2014 – ऑस्ट्रेलिया – नीदरलैंड

2018 – बेल्जियम – नीदरलैंड

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