West Bengal : केंद्र सरकार से मिले वित्त आयोग निधि का बंगाल में नहीं किया गया उपयोग, डेटा में दावा
मुर्शिदाबाद जिले में सबसे अधिक 305.11 करोड़ रुपये अप्रयुक्त धनराशि पड़ी हुई है, जबकि दूसरे नंबर पर दक्षिण 24 परगना जिला है, जहां 298.03 करोड़ रुपये का उपयोग अब तक नहीं हो पाया है.
पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) सरकार जहां एक ओर केंद्र सरकार पर फंड नहीं देने का आरोप लगाती आयी है. राज्य सरकार का दावा है कि केंद्र सरकार ने मनरेगा, ग्रामीण आवास योजना व ग्रामीण सड़क योजना के तहत फंड नहीं मिल रहा है. लेकिन इसी बीच, पश्चिम बंगाल सरकार पर केंद्र सरकार द्वारा मिले फंड को उपयोग नहीं कर पाने का आरोप लगा है. बताया गया है कि पश्चिम बंगाल सरकार ग्रामीण विकास कार्यों के मद में 15वें वित्त आयोग के तहत मिली राशि खर्च नहीं कर पाई है.
जिलाधिकारियों को पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करने का दिशा आदेश
अब राज्य सरकार जिलाधिकारियों को संबंधित जिले के पंचायत अधिकारियों के साथ समन्वय बैठकें आयोजित करने के लिए कहा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके जिलों के लिए आवंटित अव्ययित धनराशि का चालू वित्तीय वर्ष के शेष तीन महीनों के दौरान उपयोग किया जाये. गौरतलब है कि ग्रामीण विकास परियोजनाओं के लिए धन का उपयोग मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली के दो स्तरों, अर्थात् जिला परिषद और ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाता है.
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मुर्शिदाबाद में सबसे अधिक 305 करोड़ रुपये अप्रयुक्त
जानकारी के अनुसार, मुर्शिदाबाद जिले में सबसे अधिक 305.11 करोड़ रुपये अप्रयुक्त धनराशि पड़ी हुई है, जबकि दूसरे नंबर पर दक्षिण 24 परगना जिला है, जहां 298.03 करोड़ रुपये का उपयोग अब तक नहीं हो पाया है. अन्य जिले जहां फंड का उपयोग कम हुआ है, वे हैं उत्तर 24 परगना, हुगली, पूर्वी बर्दवान, बीरभूम और नदिया, जहां 100 करोड़ रुपये तक की अव्ययित धनराशि है. विपक्षी दल दावा कर रहे हैं कि निगरानी की कमी के कारण चालू वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में बिना खर्च की गई धनराशि जमा हो गई. वे यह भी बता रहे हैं कि इस महत्वपूर्ण क्षेत्र की उपेक्षा करके राज्य सरकार ने वास्तव में ग्रामीण आबादी को उनके वैध देय से वंचित कर दिया है.