वाराणसी (एजेंसी). काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में आईआईटी की छात्रा से हुई कथित छेड़खानी के विरोध में परिसर में जारी आंदोलन के दौरान रविवार को छात्रों के दो गुटों के बीच हुई झड़प के मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) कार्यकर्ताओं ने 17 नामजद और 32 अज्ञात लोगों पर मारपीट, छेड़खानी और हिन्दू धर्म का अपमान करने समेत कई आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है. लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय के गेट पर रविवार को आंदोलन के दौरान दो छात्र गुटों के बीच हुई मारपीट के मामले में एबीवीपी से जुड़े छात्र—छात्राओं की तहरीर पर 17 नामजद और 32 अज्ञात लोगों के खिलाफ हिन्दू धर्म का अपमान करने, धार्मिक वैमनस्य फैलाने, मारपीट, छेड़खानी और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया है. एबीवीपी की बीएचयू इकाई के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने बताया कि छेड़खानी की पीड़ित छात्रा को न्याय दिलाने के लिये आंदोलन कर रही एबीवीपी की सदस्य छात्राओं से रविवार को ‘आइसा’ तथा ‘भगत सिंह छात्र मोर्चा’ के कार्यकर्ताओं ने अभद्रता करने के साथ ही उन पर जान से मारने की नीयत से हमला कर दिया और धमकी भी दी.
एबीवीपी की बीएचयू इकाई के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि इस घटना में एबीवीपी कार्यकर्ताओं को गंभीर चोटें आयी हैं. उन्होंने कहा ‘‘इस मामले में हमलावरों के विरुद्ध सोमवार को वाराणसी के लंका थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है.” मालूम हो कि गत रविवार को बीएचयू के मुख्य द्वार पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीसीएम) के छात्र सदस्यों के बीच झड़प हो गई थी. एबीवीपी के पदाधिकारियों के अनुसार, उनके सदस्य पिछले हफ्ते विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के पास छेड़छाड़ की शिकार हुई आईआईटी-बीएचयू की छात्रा को न्याय देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि ‘आइसा’ और ‘बीसीएम’ के सदस्य वहां पहुंचे और हाथापाई शुरू कर दी.
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बीसीएम के पदाधिकारियों ने आरोपों से इनकार करते हुए एबीवीपी पर ही “हिंसक और अन्यायपूर्ण” होने का आरोप लगाया. गत एक नवंबर की रात विश्वविद्यालय परिसर में अपने एक दोस्त के साथ घूम रही आईआईटी—बीएचयू की एक छात्रा को करमन बाबा मंदिर के पास मोटरसाइकिल सवार तीन लोग जबरन एक कोने में ले गए, उसे कथित तौर पर निर्वस्त्र करके उसकी तस्वीरें ले लीं और वीडियो भी बना लिया. दर्ज रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपियों ने लगभग 15 मिनट के बाद उसका मोबाइल नम्बर लेकर उसे छोड़ दिया. पीड़ित छात्रा की शिकायत के आधार पर लंका थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के सुसंगत प्रावधानों के तहत अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है.