बरेली में वर्दी पर दाग, कोर्ट के आदेश पर बिथरी चैनपुर इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर, जानें मामला
पप्पू ने गांव वालों को इकट्ठा किया और भागकर बिलाल मस्जिद थाना कैंट पर पहुंचा. वहां उसने देखा कि दारोगा, सिपाही और होमगार्ड उसके बेटे को मार रहे थे. वह जमीन पर खून से लथपथ पड़ा था. गांव वालों को देखकर पुलिस वाले हड़बड़ा गए.
Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में बिथरी चैनपुर थाना के कुछ पुलिसकर्मियों ने खाकी की छवि धूमिल करने का काम किया है. थाना क्षेत्र के परसौना गांव निवासी एक युवक की संदिग्ध मौत के मामले में कोर्ट के आदेश पर इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद मामले में जांच शुरू हो गई है.
बरेली शहर के बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के परसौना गांव निवासी पप्पू की तरफ से कैंट थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. उसका आरोप है कि बिथरी थाना पुलिस के कुछ वर्दीधारियों की वजह से उसने अपने बेटे को खो दिया है. इसके बाद मजबूर पिता अपने बेटे के इंसाफ के लिए तड़पता रहा. लेकिन, उसका मुकदमा तक दर्ज नहीं किया गया. इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद बिथरी चैनपुर थाना प्रभारी समेत पांच पुलिस कर्मियों तथा एक अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है. इसमें पांच पुलिसकर्मियों पर नाबालिग की पीट-पीटकर हत्या का आरोप लगा है.
मृतक के पिता ने लगाए आरोप
बिथरी चैनपुर थाना क्षेत्र के परसोना निवासी मृतक अकरम के पिता पप्पू ने बिथरी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इसमें पप्पू का कहना है कि उनका बेटा 17 अप्रैल को मारिया फ्रोजन फैक्टरी में भैंस बेचकर आ रहा था. अकरम का पप्पू ने काफी देर रात तक इंतजार किया. बेटे के घर नहीं लौटने पर पप्पू ने अकरम को फोन मिलाया. इस पर अकरम ने जल्द आने की बात कही थी.
पप्पू के मुताबिक फोन करने के 15 मिनट ही गुजरे थे, कि उसके पास एक फोन कॉल आती है, जिसमें दूसरी ओर से फोन करना वाला खुद को पुलिसकर्मी बताता है. इसके साथ ही उसे जल्दी पहुंचने और 50 हजार रुपए लेकर आने की धमकी दी जाती है. फोन करने वाला शख्स रुपए नहीं लाने पर उसके बेटे का गोकशी में चालान करने की बात कहता है.
फोन सुनकर पप्पू के होश उड़ गए. पप्पू ने गांव वालों को इकट्ठा किया और भागकर बिलाल मस्जिद थाना कैंट पर पहुंचा. वहां उसने देखा कि दारोगा, सिपाही और होमगार्ड उसके बेटे को मार रहे थे. वह जमीन पर खून से लथपथ पड़ा था. गांव वालों को देखकर पुलिस वाले हड़बड़ा गए. गांव के प्रधान ने तुरंत ही इसकी सूचना एसओ बिथरी चैनपुर अश्वनी कुमार को दी. वह फोर्स सहित मौके पर आ गए.
उन्होंने आते ही पुलिस वालों का पक्ष लिया और मुंह खोलने पर गांव में आग लगाने की धमकी दी. गोली मारने की धमकी देने का भी आरोप है. गांव के कुछ लोगों ने इसका वीडियो बना लिया, लेकिन इससे पहले ही लोग कुछ कर पाते अकरम की मौत हो चुकी थी. पप्पू का आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक ने एक साजिश के तहत पुलिस वालों को बचाने के लिए उसके पुत्र के शव को जिला अस्पताल भेजा और शव का पोस्टमार्टम 18 अप्रैल को कराया.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट के निशान
पीड़ित पप्पू ने बताया कि बेटे के शरीर पर 16 चोटों के निशान आए थे. आरोप है कि पुलिस ने उसके बेटे के पास रखे 30,400 रुपए छीन लिए. ये रुपए बेटे को भैंस बेचने के बाद मिले थे. पप्पू के मुताबिक इसे लेकर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. इसके साथ ही कैंट थाने में पुलिस वालों ने बेबुनियाद मुकदमा दर्ज करा दिया.
प्रकरण में कोर्ट के आदेश के बाद एसआई धर्मेंद कुमार, सिपाही विनीत कण्डवाल, सिपाही राजेश, प्रभारी निरीक्षक बिथरी चैनपुर थाना अश्वनी कुमार चौबे, होमगार्ड वीरपाल समेत एक अज्ञात के खिलाफ कैंट थाने में धारा 341, 384, 384, 394 और 120 बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है. इस मामले में कैंट थाने के इंस्पेक्टर क्राइम विजय बहादुर सिंह को जांच सौंपी गई है.
पुलिस ने मृतक के पिता और गांव वालों पर दर्ज की थी एफआईआर
मृतक के पिता पप्पू ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने अपनी करतूत छिपाने के लिए उल्टा उन पर और गांव वालों के खिलाफ झूठी एफआईआर लिख दी थी. इस मामले में पुलिस अफसर के सामने भी सबूत पेश किए. मगर, कोई सुनवाई नहीं हुई. इसके बाद कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. पुलिस की तरफ से मृतक के परिजनों समेत 18 नामजद और अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस टीम पर हमला समेत विभन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई थी.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली