गोरखपुर: राजघाट थाने के पूर्व थानेदार सहित दो सिपाहियों पर चोरी की एफआईआर दर्ज, जांच शुरू, जानें पूरा मामला
जिस पुलिस पर लोगों की सुरक्षा का जिम्मा है, वह खुद चोरी के मामले को लेकर सवालों के घेरे में आ गई है.राजघाट थाने में पूर्व थानेदार सहित दो सिपाहियों पर दर्ज मामले में जांच शुरू कर दी गई है. इसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
Gorakhpur: प्रदेश में गोरखपुर जनपद के राजघाट थाने के पूर्व थानेदार समेत तीन पुलिसकर्मियों पर माल खाने से सामान चुराकर हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपित पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था, इसके बाद ये एक्शन लिया गया है.
इस प्रकरण में गोरखपुर के राजघाट थाने के पूर्व थानेदार और वर्तमान में देवरिया जिले के रुद्रपुर थाने के थानेदार नवीन सिंह, तत्कालीन दीवान मनीराम मौर्य और अरविंद कुमार सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. कोर्ट के आदेश पर राजघाट पुलिस ने सभी को गबन और चोरी का आरोपी बनाया है.
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को प्रार्थना देकर रायगंज उत्तरी निवासी आकाश वर्मा ने बताया था कि राजघाट खाने के माल खाने में रखा उनका सामान चोरी हो गया है. 13 जनवरी 2018 को तत्कालीन थानेदार नवीन सिंह ने सीसीटीवी कैमरा, डीवीआर, हार्ड डिस्क, कंप्यूटर उपकरण, गहने व रुपए कब्जे में लिया था.
पुलिस की फर्द में लिखा है कि सामान को तत्कालीन थानेदार नवीन सिंह, मुख्य आरक्षी मनीराम मौर्य व अरविंद सिंह ने माल खाने में दाखिल किया था. न्यायालय में 2 दिसंबर 2019 को सामान रिलीज करने का आदेश दिया था.
आकाश वर्मा ने बताया कि 7 दिसंबर को वह आदेश की कॉपी लेकर थाने गए तो वहां मौजूद दीवान ने कहा कि माल खाने में उनका सामान नहीं है. जब उन्होंने न्यायालय के आदेश के बारे में जानकारी दी गई तो आरोप है कि उन्हें जेल भेजने की धमकी देकर थाने से भगा दिया गया.
इस प्रकरण में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने आरोपित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध माल खाने से सामान चुराकर हड़पने, धमकी देने का मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था. इसके बाद तीनों आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई है.
इस मामले में एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है. साक्ष्य के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. हालांकि जिस तरह से माल खाने से सामान हुआ है, उससे पुलिस खुद सवालों के घेरे में आ गई है. इस मामले में बड़ी लापरवाही उजागर हुई है.
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप, गोरखपुर