Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली की बहेड़ी विधानसभा में सियासी लड़ाई मुकदमे तक पहुंच गई है. नगर पालिका बहेड़ी की पूर्व चेयरमैन के पति नसीम अहमद ने प्रदेश महासचिव एवं विधायक अताउर्ररहमान, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष (चेयरमैन) अंजुम रशीद, शहजाद, मुहम्मद तारिक लाड़ी, और इमरान के खिलाफ हत्या कराने की सुपारी देने का आरोप लगाया है.
इस मामले में बहेड़ी कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. सपा के प्रदेश महासचिव एवं विधायक अताउर्ररहमान का कहना है कि यह मामला फर्जी है. निकाय चुनाव के प्रचार के दौरान का मामला दिखाया गया है. चार महीने बाद एफआईआर होने का कोई औचित्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में जानकारी की थी, तो बताया गया कि एक युवक की फर्जी वीडियो बनाई गई. उसने नसीम अहमद के खिलाफ फर्जी वीडियो बनाने की तहरीर दी थी. मगर, पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. पुलिस अफसरों को मामले की पूरी जानकारी दे दी गई है. झूठा मामला है, इसलिए जांच में खत्म होना तय है. इसके बाद फर्जी मुकदमा लिखाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की जाएगी.
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बहेड़ी निवासी नसीम अहमद की पत्नी पूर्व चेयरमैन फैजुल अजीम ने पुलिस को बताया कि वह सपा से अध्यक्ष पद की टिकट की दावेदार थीं. उनका नाम फाइनल हुआ. लेकिन, बाद में टिकट किसी दूसरे प्रत्याशी को दिया गया. इसके बाद फैजुल ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा.
नसीम अहमद ने पुलिस को बताया कि निकाय चुनाव में वह वोट मांगने के लिए क्षेत्र में गए थे.इसी दौरान शहजाद और तारिक ने उनके घर में घुसकर हमला कर दिया. उस समय घर में उनके समर्थकों ने शहजाद को तमंचे समेत पकड़ लिया,जबकि तारिक फरार हो गया था. पूछताछ में शहजाद ने स्वीकार किया कि सपा विधायक अताउर्रहमान और पूर्व अध्यक्ष अंजुम राशिद ने हत्या की सुपारी दी थी. इमरान ने सुपारी के रुपए दिलाए हैं. आईजी से शिकायत के बाद मुकदमा दर्ज किया गया है.
सपा विधायक अताउर्रहमान के खिलाफ नसीम अहमद ने 2017 विधानसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में नसीम अहमद को करीब 66 हजार और सपा विधायक अताउर्रहमान को करीब 63 हजार वोट मिले थे.सपा विधायक चुनाव हार गए थे. यहां से उस वक्त भाजपा के छत्रपाल सिंह ने जीत दर्ज की थी. मगर, इसके बाद निकाय चुनाव में नसीम अहमद की पत्नी बहेड़ी नगर पालिका से चेयरमैन बन गई.
विधानसभा चुनाव 2022 से पहले नसीम अहमद भी सपा में शामिल हो गए थे. मगर, यहां से अताउर्रहमान को पार्टी ने टिकट दिया. वह विधायक बन गए थे. इसके साथ ही नसीम अहमद को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपनी विधानसभा का प्रभारी बना दिया. मगर, निकाय चुनाव में सपा प्रमुख ने नसीम अहमद की पत्नी को टिकट दिया था. लेकिन, अंत समय में टिकट काट दिया. वह चुनाव लड़ीं लेकिन हार गईं. इसके बाद से ही दोनों के बीच सियासी जंग बढ़ गई है, जो मुकदमे तक पहुंची है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली