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RSS के खिलाफ बयान देकर बुरे फंसे जावेद अख्तर, FIR दर्ज

मुंबई पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की. शहर के वकील संतोष दुबे की शिकायत पर मुलुंड पुलिस स्टेशन में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 4, 2021 4:59 PM

मुंबई पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर गीतकार जावेद अख्तर के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की. शहर के वकील संतोष दुबे की शिकायत पर मुलुंड पुलिस स्टेशन में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की गई थी. एक अधिकारी के मुताबिक, “भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.”

वकील ने पिछले महीने अख्तर को एक समाचार चैनल को दिए एक साक्षात्कार में आरएसएस के खिलाफ कथित रूप से “झूठी और मानहानिकारक” टिप्पणी करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा था और इस पर उनसे माफी मांगी थी. वकील ने पीटीआई से कहा, “मैंने पहले जावेद अख्तर को कानूनी नोटिस भेजा था और उनसे अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने को कहा था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे. अब, मेरी शिकायत पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.”

दरअसल एक न्यूज पोर्टल से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि, तालिबान बर्बर हैं, उनकी हरकतें निंदनीय हैं, लेकिन आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन करने वाले सभी एक जैसे हैं. जावेद अख्तर का यह बयान बीजेपी की युवा शाखा को पसंद नहीं आया था और उन्होंने जावेद अख्तर के जुहू स्थित घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. बीजेपी ने कहा कि, अगर आरएसएस तालिबान की तरह होता, तो उन्हें इस तरह के बयान देने की अनुमति नहीं दी जाती.

इसी मामले में वकील संतोष दुबे ने पिछले दिनों कहा था कि, अगर जावेद अख्तर सात दिनों के भीतर ‘बिना शर्त लिखित माफी’ मांगने और कारण बताने में विफल रहे तो, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराएंगे. साथ ही उनपर 100 करोड़ रुपये हर्जाने की भी मांग की जाएगी. वकील ने दावा किया था कि जावेद अख्तर की तरफ से इस तरह की बयानबाजी करके भारतीय दंड संहिता की धारा 499 (मानहानि) और 500 (मानहानि की सजा) के तहत अपराध किया है.

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भाजपा की युवा शाखा ने जावेद अख्तर के जुहू स्थित आवास तक विरोध मार्च निकाला था जिसमें उनके बयान के लिए माफी की मांग की गई. उन्होंने कहा था, “हमें लगता है कि अख्तर मानसिक रूप से स्थिर नहीं हैं. इस देश ने उन्हें सब कुछ दिया है. आरएसएस जमीनी स्तर पर लोगों की मदद करता है और उसने उनकी तुलना तालिबान से की है. यह अस्वीकार्य है. अगर वह माफी नहीं मांगते हैं तो उनके खिलाफ हमारा आंदोलन और तेज हो जाएगा.”

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