WB : फिरहाद हकीम ने कहा, राम के नाम पर राजनीति करना,धर्म का है अपमान
स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का हर क्षण देश के लिए समर्पित कर दिया. उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिशाल की तरह है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी सभी धर्म का सम्मान करते थे और हमलोगों को भी सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए .
पश्चिम बंगाल में स्वामी विवेकानंद की जयंती (Vivekananda birth anniversary) पर महानगर में पोर्ट विधानसभा क्षेत्र में स्थित डक ईस्ट बाउंड्री रोड ज्ञान भास्कर विद्यालय के समीप विशेष समारोह का आयोजन किया गया. इस अवसर पर राज्य के शहरी विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम एवं वार्ड 80 के पार्षद अनवर खान ने स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर फिरहाद हकीम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी को हमारे देश के जनता अपना आदर्श मानते हैं. स्वामी जी ने सभी भारतीयों को हिंदू मानते थे. उन्होंने शिकागो में अपने भाषण में कहा कि हमारे लिए समस्त दुनिया के लोग भाई-बहन जैसे हैं, क्योंकि पहले हम मनुष्य जाति के हैं. उन्होंने कहा कि राम मंदिर से किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन सबसे दुख की बात है कि राम को लेकर राजनीति करना वोट मांगना यह कहां का उचित है.
मठ के चार शंकराचार्य ने वहां जाने से कर दिया इंकार
फिरहाद हकीम ने कहा कि देश के सबसे बड़े मठ के चार शंकराचार्य ने वहां जाने से इंकार कर दिया है. शंकराचार्यों ने कहा है कि जिस मंदिर का पूरा कार्य संपन्न नहीं हुआ, वहां पर प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकती है. इस अवसर पर मौके पर उपस्थित पूर्व विधायक राम प्यारे राम की बहु दया किंकर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवन का हर क्षण देश के लिए समर्पित कर दिया. उनका पूरा जीवन हर किसी के लिए एक मिशाल की तरह है. उन्होंने कहा कि स्वामी जी सभी धर्म का सम्मान करते थे और हमलोगों को भी सभी धर्म का सम्मान करना चाहिए सभी हमारा राष्ट्र और राज्य उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ेगा.
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स्वामी विवेकानंद की जयंती पर सीएम ने दी श्रद्धांजलि
स्वामी विवेकानंद की जयंती पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने श्रद्धांजलि अर्पित की है. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शुक्रवार को एक पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित की, जिसमें उन्होंने लिखा स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि. उल्लेखनीय है कि स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना. गौरतलब है कि उनकी जयंती को पूरा राष्ट्र ‘युवा दिवस’ के रूप में मनाता है. शुक्रवार को राज्य सहित पूरे देश में युवा दिवस मनाया गया.
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