Dhanbad News: धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच में नौवीं की छात्रा के साथ हुए अमानवीय व्यवहार की जांच शिक्षा विभाग की टीम ने शुरू कर दी है. जांच अधिकारी क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी मिथिला टुडू ने विद्यालय पहुंचकर इस मामले में स्कूल प्रबंधन से पूछताछ की. उन्होंने पूछा कि जब स्कूल में फर्स्ट एड की व्यवस्था नि:शुल्क है, तो फिर सैनिटरी पैड जैसे अत्यंत आवश्यक चीज के लिए 10 रुपये क्यों लिए जाते हैं? इस संबंध में क्षेत्रीय शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि इस पर स्कूल प्रबंधन की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं मिला. उन्होंने बताया कि अपनी जांच रिपोर्ट वह शीघ्र ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंप देंगी.
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जांच के दौरान शिक्षा पदाधिकारी मिथिला टुडू ने शिक्षिकाओं से पूछताछ की. उन्होंने बताया कि उस शिक्षिका को प्रबंधन की ओर से छात्राओं को सैनिटरी पैड देने की जिम्मेवारी दी गयी है. शिक्षिका ने पूछताछ के क्रम में स्वीकार किया कि उन्होंने पीड़ित छात्रा से 10 रुपये लेने के बाद ही पैड दिया था. शिक्षिका ने बताया कि पैड देने में इसलिए विलंब हुआ क्योंकि जिस कमरे में सैनिटरी पैड रखा था, उसके दरवाजे पर ताला लगा था. जिस कर्मचारी के पास चाभी थी. उसे बुलाया गया. फिर जा कर छात्रा को सैनिटरी पैड दिया गया था.
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वहीं दूसरी ओर झारखंड अभिभावक महासंघ ने इस मामले में जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाया है. बुधवार को संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने डीइओ भूतनाथ राजवार से मिल कर इस पर आपत्ति दर्ज करायी है. संगठन की ओर से मांग की गयी कि जांच अधिकारी को पीड़िता को साथ ले जाना चाहिए था. प्रतिनिधिमंडल में संगठन के अध्यक्ष पप्पू सिंह, महासचिव मनोज मिश्रा व अन्य शामिल थे.