कोरोना मरीजों की सुविधा को लेकर देश में पहला बोट एंबुलेन्स बिहार में तैनात
हाजीपुर : वैशाली जिले में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है. बीते एक सप्ताह से रोजना एक सौ से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की जा रही है. बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 80 हजार का आंकड़ा पार कर गया है. ऐसे में जिला प्रशासन भी कोशिश कर रहा है कि गहराते संकट से जल्द से जल्द निबटा जा सके.
हाजीपुर : वैशाली जिले में कोरोना संक्रमण का दायरा बढ़ता जा रहा है. बीते एक सप्ताह से रोजना एक सौ से अधिक कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान की जा रही है. बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 80 हजार का आंकड़ा पार कर गया है. ऐसे में जिला प्रशासन भी कोशिश कर रहा है कि गहराते संकट से जल्द से जल्द निबटा जा सके.
जिले में कोरोना काल के बीच एक अनोखी पहल की गयी है. यहां बाढ़ प्रभावित लोगों को नजदीक के कोविड-19 केयर में पहुंचाने के लिए एक स्पेशल कोविड नाव एंबुलेन्स की व्यवस्था की गयी है. नाव पर बने एंबुलेंस में तमाम तरह की सुविधाएं मौजूद है. इससे मरीजों को सुविधा के साथ नजदीक के कोविड अस्पताल पहुंचाया जा सकता है.
प्रथम चरण में प्रतिपक्ष के नेता व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव के विधान सभा क्षेत्र राघोपुर के लोगों के लिए यह व्यवस्था की गयी है, जहां बोट एंबुलेन्स पर ही बेड, पल्स मीटर, स्ट्रेचर और ऑक्सीजन सिलेंडर की भी व्यवस्था है.
देश का पहला कोरोना एम्बुलेंस
यह देश का पहला ऐसा स्पेशल कोरोना एंबुलेंस है, जिस पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को गांव से कोरोना अस्पताल तक ले जाया जायेगा. इस संबंध में एसीएमओ डॉ ज्ञान शंकर ने बताया कि दरअसल बाढ़ प्रभावित लोगों को कोरोना काल में दोहरी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लोगों की सुविधाओं को देखते हुए ऐसी व्यवस्था की गयी है, ताकि समय रहते कोरोना मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सके.
बिहार इस वक्त बाढ़ की मार झेल रहा है. तकरीबन 70 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित है. दूसरी तरफ, कोराना संकट भी गहराता जा रहा है. ऐसे में बाढ़ की समस्या होने की वजह से लोग कोविड अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. इस समस्या को देखते हुए ऐसे स्पेशल कोविड वोट एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी है, जो एक सराहनीय कदम है.
कोरोना वायरस से बचाव को लेकर व्यवहार में लाये परिवर्तन
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व्यक्तिगत स्वच्छता और शारीरिक दूरी बनाए रखें.
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बार-बार हाथ धोने की आदत डालें.
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साबुन और पानी से हाथ धोएं या अल्कोहल आधारित हैंड रब का इस्तेमाल करें.
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साफ दिखनेवाले हाथों की भी अंतराल पर सफाई करें.
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छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंके.
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उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंके.
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घर से निकलते समय मास्क का इस्तेमाल जरूर करें.
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बार-बार मास्क को ऊपर नीचे करने से बचें.
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बातचीत के दौरान फ्लू जैसे लक्षण वाले व्यक्तियों से एक सुरक्षित दूरी बनाए रखें.
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अपनी कोहनी के अंदरूनी हिस्से में छींके, अपने हाथों की हथेलियों में न खासें.
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आंख, नाक एवं मुंह को छूने से बचें.
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अपने तापमान को और श्वसन लक्षणों की जांच नियमित रूप से कराये.
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अस्वस्थ्य महसूस करने पर (बुखार, सांस लेने में कठिनाई और खांसी) डॉक्टर से मिले.
Posted By : Kaushal Kishor