सिवान जिला अंतर्गत महाराजगंज प्रखंड के महुआरी गांव के शिव मंदिर स्थित गंडक नदी में मछलियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है. पिछले 10 दिनों की बात करें तो यहां हजारों से अधिक मृत मछलियां पानी की सतह पर तैरती हुई नजर आ रही हैं.
स्थानीय पान व्यवसायी सुमन सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया पानी अमलीय व दूषित होने का अंदेशा है. उन्होंने पानी में अमलीय व केमिकल की मात्रा होने से मछली के मरने की संभावना जतायी है. जानकारी हो कि, दूषित पानी होने के कारण मछली के प्रजनन पर असर से नया बच्चा तैयार नहीं होने के कारण मछली स्टाॅक पर असर पड़ सकता है. साथ ही, मछलियों की कमी से गरीब मछुआरों के व्यवसाय भी प्रभावित हो सकता है.
विदित हो कि, वर्तमान में मछलियों के प्रजनन का समय चल रहा है. वहीं गंडक नदी में दूषित पानी के कारण मादा मछलियों के प्रजनन करने व मछली से उत्पन्न अंडों व उसके आने वाले बच्चों को ज्यादा नुकसान हुआ है. दूषित पानी लोगों पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डाल सकता है.
बताते चलें कि गंडक नदी के पानी को दूषित होने से बचाने के लिए उच्च स्तरीय जांच कराकर इसे रोकना होगा. लगातार प्रदूषण की मात्रा बढ़ने के कारण धीरे-धीरे नदी का पानी प्रदूषित होता जा रहा है. मगर पानी को दूषित होने से बचाने के लिए स्थायी रूप कदम नहीं उठाया गया है.
प्रशासनिक उदासीनता के कारण नदी का पानी दूषित होता जा रहा है. वहीं लोग नदी में कूड़ा कचरा डाल रहे हैं. इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर ठोस कदम उठाना होगा. वहीं कूड़ा कचरा डालने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करनी होगी.
Published By: Thakur Shaktilochan