पहाड़ के उस पार तैयार हो रहे पांच लाख पौधे

वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर लॉकडाउन प्रभावी है. लॉकडाउन से कमोबेश सभी गतिविधियों में स्थिरता आ गयी है. जहां, एक तरफ लॉकडाउन की वजह से हम सभी घरों में कैद हैं, वहीं दूसरी ओर पांच लाख पौधे से पर्यावरण को नयी भेंट देने की तैयारी चल रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 28, 2020 1:29 AM

मदन कुमार, बांका : वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर लॉकडाउन प्रभावी है. लॉकडाउन से कमोबेश सभी गतिविधियों में स्थिरता आ गयी है. जहां, एक तरफ लॉकडाउन की वजह से हम सभी घरों में कैद हैं, वहीं दूसरी ओर पांच लाख पौधे से पर्यावरण को नयी भेंट देने की तैयारी चल रही है. जी हां, हरियाली की चादर को मजबूत करने के लिए अमरपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत आनंदमार्ग पहाड़ के उस पार खैरा में करीब छह हेक्टेयर भूमि पर तीन लाख पौधे तैयार किये जा रहे हैं. दो लाख पौधे और तैयार किये जायेंगे. जब यह पौधे भूमि पर लगाने योग्य विकसित हो जायेंगे, तो इसे क्षेत्र में हरियाली की नयी क्रांति लाने के लिए निकाला जायेगा. दरअसल, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के तत्वावधान में जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत खैरा में स्थायी पौधशाला स्थापित की गयी है.

वन विभाग के इस कार्य को देख कर मन खुश हो जायेगा. दरअसल, बांका में करीब आधा दर्जन ऐसे ही पौधशालाओं की स्वीकृति हुई है, जिस पर कार्य चल रहा है. पौधे की सिंचाई के लिए चार जलमीनार व जगह-जगह चेक डैम पौधशाला में तैयार हो रहे पौधे की सिंचाई के लिए चार जलमीनार का निर्माण किया जा रहा है. यह जलमीनार पौधशाला के चारों ओर बनाया जा रहा है. इसमें वाटर गैलन की क्षमता करीब पांच हजार लीटर है. पौधशाला निकट के पहाड़ी क्षेत्र में भी जगह-जगह पर चेकडैम का निर्माण किया जा रहा है. ताकि, जल संरक्षण हो सके. साथ ही यहां विभागीय कार्यालय, पुरुष व महिला मजदूरों के रहने के लिए अलग-अलग शेड, शौचालय इत्यादि का निर्माण किया जा रहा है.

पौधशाला में लॉकडाउन का असरलॉकडाउन के दौरान कुछ दिन सभी कार्य बंद हो गये थे. इसी बीच गर्मी ने दस्तक दे दी थी. जिसकी वजह से पौधशाला में लगाये गये कुछ पौधे मुरझाने लगे थे. लेकिन विगत 20 अप्रैल को सरकारी योजनाओं में थोड़ी ढील दी गयी. जिसके बाद मजदूरों के द्वारा गैलन व डिब्बा में पानी भर कर, वहां बने क्यारियों की सिंचाई कार्य को शुरू किया गया है.पशु-पक्षियों की प्यास बुझायेगा तालाब खैरा स्थित पौधशाला में पर्यावरण से संबंधित सभी गतिविधियां एक साथ शुरू कर दी गयी है. लिहाजा, पौधशाला में एक तालाब का भी निर्माण किया जा रहा है.

ताकि, इसमें संगृहीत पानी से पशु-पक्षी भी अपनी प्यास बुझा सकें. पौधे की प्रजाति महोगनी, शीशम, सागवान, काला शीशम, कट सागवान, पीपल, बरगद, महुआ, करंज, अनाज, शरीफा, पपीता, आंवला, अमरुद, सम्मी, बांस, ,छतवल, कटहल, गम्हार इत्यादि. कहते हैं अधिकारी जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत सघन पौधरोपण के लिए स्थायी पौधशाला में पौधे तैयार किये जा रहे हैं. जिस पर विभाग की सतत निगरानी है. जल्द ही सघन पौधरोपण की शुरुआत की जायेगी. राजीव रंजन, वन प्रमंडल पदाधिकारी, बांका

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