पश्चिमी चंपारण : गंडक बराज से बुधवार को शाम तक एक लाख 15 हजार क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ा गया. इससे को लेकर कई जगहों पर पानी का दबाव बढ़ने लगा है. भैसहिया तथा सेमरा लबेदहा गंडक दियारा में कटाव तेज हो गया है. कटाव से किसानों के खेतों में लगी गन्ना तथा धान की फसल गंडक नदी में विलीन हो रही है. वहीं, गंडक बराज के अधिकारियों की माने तो नेपाल में हो रही बारिश से तराई और पहाड़ी क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त होने लगा है.
इंद्रपुरी बराज पहुंचा 30276 क्यूसेक पानी : डेहरी नगर (रोहतास). इंद्रपुरी बराज के ऊपरी जल ग्रहण क्षेत्र व कैमूर पहाड़ी की वादियों से कलकल बहती सोन नदी की धारा को रोक कर सोन कमांड एरिया के आठ जिलों की सिंचाई की प्राकृतिक स्रोत है. माॅनसून की सक्रियता के कारण बुधवार को इंद्रपुरी बराज पर 30276 क्यूसेक पानी पहुंचा है.जल संसाधन विभाग इंद्रपुरी डिविजन के कार्यपालक अभियंता रवींद्र चौधरी ने बताया कि अभी बराज में पानी की स्थिति सामान्य है.
बता दें कि कुछ दिनों पहले नेपाल के रौतहट जिला प्रशासन ने बंजरहा के पास भारतीय सीमा में नो मेंस लैंड से सटे हुए लालबकेया नदी के तटबंध के एक हिस्से को हटाने अन्यथा इसे तोड़ने की चेतावनी दी थी. नेपाल का दावा है कि बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग ने दो मीटर चौड़ा और 200 मीटर लंबा तटबंध नो-मेंस लैंड को अतिक्रमित कर बनाया है. नेपाल ने कहा है कि इसे हटाया नहीं गया तो इसे तोड़ कर हटा देंगे. इधर खतरा इस बात का है कि बरसात के इस मौसम में अगर तटबंध को हटाया गया, तो इलाके के लोगों को बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.