कटिहार : जिले के कदवा प्रखंड में रविवार रात से महानंदा बाढ़ का तांडव तीव्र गति से आरंभ होने के कारण सोनैली, चांदपुर, पूर्णिया पथ पर वाहनों का परिचालन ठप हो गया है. दर्जनों गांवों का सड़क संपर्क प्रखंड मुख्यालय, अनुमंडल एवं जिला मुख्यालय से भंग हो गया है. महानंदा एवं रीगा नदियों के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के कारण नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
कदवा में विनाशकारी बाढ़ का संकेत दे रहे हैं. बाढ़ के कारण कदवा के एक दर्जन से भी अधिक गांवों धनगामा, मुकुरिया, मंझेली, मोहना, परलिया, कुजिबन्ना, कबैया, महादलित टोला कदवा, नंदनपुर, बड़ाबांध, भर्री आदि गांव में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. सोनैली- चांदपुर पीडब्ल्यूडी पथ अंतर्गत काली मंदिर के निकट डायवर्सन के ऊपर लगभग 4 फीट पानी का बहाव हो रहा है. जिससे यातायात व्यवस्था ठप हो गई है.
इतना ही नहीं डायवर्सन के समीप करोड़ों की लागत से निर्माण किए जा रहे उच्च स्तरीय पुल का कार्य अधर में लटकता नजर आ रही है. प्रशासन स्तर पर सुविधा नगण्य देखी जा रही है. प्रशासन की बाढ़ पूर्व तैयारी कहीं नहीं दिख रही है. लोग छोटी नाव से जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. सरकारी स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण निजी स्तर पर चल रहे नाव मनमाना किराया वसूल रहे हैं.
गौरतलब है कि महानंदा, गंगा, कोसी व बरंडी नदी के जल स्तर में रविवार को भी वृद्धि दर्ज की गयी है. नदी का जल स्तर छह घंटे के दौरान करीब दो सेंटीमीटर से 10 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गयी है. जबकि महानंदा नदी अधिकांश स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदी के जल स्तर में वृद्धि से कई क्षेत्रों में कटाव होने लगा है. महानंदा नदी झौआ में खतरे के निशान से 23 सेमी ऊपर बह रही है. जबकि यह नदी पार बहरखाल में खतरे के निशान से 17 सेमी ऊपर है.