Bareilly News: उत्तर प्रदेश के बरेली में पिछले कई दिन से लगातार रिमझिम बारिश हो रही है, तो वहीं उत्तराखंड में मूसलाधार बारिश कहर बरपाने की कोशिश में है.मगर, इस बारिश के कारण बरेली से गुजरने वाली नदियों का जलस्तर बढ़ गया है.नदियों का पानी बाढ़ का रूप ले चुका है.
उत्तराखंड से आने वाली किच्छा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिसके चलते किच्छा नदी के पास के बरीपुरा, धर्मपुर, बैरम नगर नगरिया कला, कमालपुर मोहम्मदपुर समेत तमाम गांवों में कटान शुरू हो गया है. यहां के गांवों की सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि का नदी कटान कर चुकी है, तो वहीं गांव के संपर्क मार्गों पर भी पानी भरा हुआ है.
किच्छा नदी का पानी बैरम नगर के पास स्थित पेट्रोल पंप तक पहुंच गया है. पेट्रोल पंप के रास्तों पर भी पानी भर गया है. बाढ़ खंड के अधिकारियों का कहना है कि गुरुवार शाम किच्छा बैराज से पानी छोड़ने की उम्मीद है. इस वजह से किच्छा नदी का जल स्तर और बढ़ने की उम्मीद है. किच्छा नदी का जल स्तर बढ़ने से बैरमनगर के साथ ही पेट्रोल पंप और अन्य गांवों तक पानी पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है. पेट्रोल पंप के रास्तों पर पानी भरने के कारण डीजल-पेट्रोल खरीदने वाले उपभोक्ताओं को बहेड़ी और शेरगढ़ के पास स्थित पेट्रोल पंप से डीजल-पेट्रोल खरीदने जाना पड़ रहा है.
Also Read: सीएम योगी बोले- रावण और कंस की तरह होगा सनातन को कोसने वालों का अंजाम, महाकालेश्वर मंदिर में किया रुद्राभिषेकउत्तराखंड के किच्छा (खो) बैराज से बुधवार रात 1.28 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे किच्छा नदी का जलस्तर गुरुवार को और बढ़ जाएगा. इससे फसलों के साथ ही घरों के नदी के पानी में समाने की उम्मीद है.
बरेली में पिछले पांच दिनों से रिमझिम बारिश हो रही है. इस दौरान 94 मिमी.बारिश हो चुकी है. नदियों में जल प्रभाव बढ़ने से पिछले 72 घंटे के भीतर उत्तराखंड के बैराज से पानी छोड़े जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. इसके साथ ही और भी पानी छोड़ने की तैयारी चल रही है. बरेली की रामगंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. रामगंगा नदी का जलस्तर सोमवार को 159.3 मीटर गेज था. यह मंगलवार शाम 4:00 बजे तक 161 मीटर गेज हो गया. इसके बाद बुधवार रात 161.4 मीटर गेज दर्ज किया गया है, जबकि 163.07 मीटर गेज पर खतरा है. इसीलिए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है.
उत्तराखंड के गोला बैराज से 22 हजार क्यूसेक और कोसी बैराज से 23 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है.इसलिए रामगंगा नदी का जल स्तर बढ़ गया है. इससे नदियों के किनारे की फसल डूबने लगीं हैं, तो वहीं फतेहगंज पश्चिमी के गांव गौतारा, पनबड़िया, भोलापुर की 500 बीघा से अधिक कृषि भूमि में समा चुकी है. इसके साथ ही अन्य गांवों में कटान शुरू हो गया है. रामगंगा का खतरे का निशान एक मीटर से भी कम बचा है. इसको लेकर प्रशासन अलर्ट हो गया है. बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर निगरानी शुरू कर दी है.
मीरगंज तहसील के गांव अंबरपुर के मजरा तीरथ नगर में कई घरों में पानी घुस गया है. इसलिए गांव के तमाम लोगों को तिरपाल में रात गुजारनी पड़ रही है.यहां से प्राथमिक विद्यालय, और गुरुद्वारे का कटान हो चुका है. गांव के बूटा सिंह लक्ष्मण सिंह सोहन सिंह,बलवीर सिंह हरनेक सिंह, तारा सिंह, सोनू सिंह, उपेंद्र सिंह को रतनापुर के जंगल में तिरपाल डाल कर रह रहे हैं.
रामनगर नदी का जलस्तर बढ़ने से फरीदपुर तहसील के गांव खल्लपुर, कादरगंज, रायपुर हंस, गोविंदपुर, गुर्जर गोटिया, कपूरपुर तक पानी पहुंच गया है.गांव के रास्तों पर पानी भरने से रास्ता बंद हो गया है. इससे लोग परेशान है.
पिछले कई दिन से बारिश हो रही थी. मगर, गुरुवार को सुबह से ही तेज धूप निकली, जिसके चलते पर तापमान बढ़ गया है. धूप निकलने से गर्मी काफी है. बरेली में अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है,जो बारिश के दौरान 26, और 27 डिग्री सेल्सियस चल रहा था. न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस है.हालांकि, अभी बादल छाए हुए हैं.
शहर से लेकर देहात तक बिजली कटौती से लोग परेशान हैं. यहां लगातार बिजली कटौती चल रही है. ट्रांसफर खराब होने के साथ ही लाइन में फाल्ट से भी बुधवार रात आपूर्ति बाधित रही. उपभोक्ताओं ने स्थानीय विद्युत अफसरों से शिकायत की. उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इससे उपभोक्ताओ में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. शहर के सुरेश शर्मा नगर, सन सिटी, पवन विहार, करगैना समेत तमाम इलाकों की आपूर्ति ठप है.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली