कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में जल्द ही शक्ति परीक्षण हो सकता है! क्या राज्यपाल जगदीप धनखड़ प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सदन के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सौमित्र खान के एक दावे के बाद ये सवाल उठ रहे हैं.
सौमित्र खान ने दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस में अंसतोष के स्वर मुखर हो रहे हैं. यही वजह है कि राज्यपाल जल्दी ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं. इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भगवा खेमे के नेताओं के मन में लोकतंत्र के लिए कोई सम्मान नहीं है.
भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खान ने जलपाईगुड़ी में एक कार्यक्रम से इतर कहा कि सत्तारूढ़ दल में मौजूदा उथल-पुथल और असंतोष के कारण यह प्रश्न सामने आ गया है कि क्या सदन में पार्टी के पास पर्याप्त संख्या में विधायकों का समर्थन है या नहीं.
सौमित्र खान ने कहा, ‘विधायक जिस प्रकार असंतोष व्यक्त कर रहे हैं और तृणमूल छोड़ रहे हैं, उसे देखते हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री से जल्द बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं. इसकी संभावना है.’ उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल के कई मंत्री भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं.
तृणमूल के सांसद सौगत रॉय ने सौमित्र खान के बयान पर टिप्पणी की कि उनके जैसे भाजपा नेता संविधान और उसके प्रावधानों के बारे में कुछ नहीं जानते. श्री रॉय ने कहा, ‘पहली बात तो यह है कि सौमित्र खान को यह कैसे पता कि राज्यपाल इस प्रकार का असंवैधानिक कदम उठायेंगे? चुनी गयी सरकार के साथ इस तरीके से व्यवहार नहीं किया जा सकता. और विधायकों का बहुमत मुख्यमंत्री के साथ है. तृणमूल के पास सदन में 218 विधायकों का समर्थन है.’
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शुभेंदु अधिकारी समेत तृणमूल के कई नेताओं ने पार्टी को लेकर हाल में असंतोष जताया है. पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे शुभेंदु अधिकारी ने शुक्रवार को राज्य के परिवहन मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल में अधिकारी को निकालने का साहस ही नहीं है, क्योंकि पार्टी को डर है कि ‘जल्द ही वह लुप्त’ हो सकती है.
श्री घोष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता अपने घरों और कार्यालयों से कभी बाहर ही नहीं निकले और अब वे 2021 विधानसभा चुनाव से पहले जमीनी हकीकत का पता लगाने के लिए बाहर निकलने के लिए ‘मजबूर’ हैं. पश्चिम बंगाल की 294 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनाव अगले वर्ष अप्रैल-मई में होने की संभावना है.
Posted By : Mithilesh Jha