Flood in Bihar : खतरे के निशान से ऊपर बह रही महानंदा, गंगा, कोसी और बरंडी में उफान, बाढ़ का पानी निचले इलाके में फैला

Flood in Bihar : कटिहार / अररिया : महानंदा का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान के ऊपर आ गया. वहीं, गंगा,कोसी समेत कई नदियों के जलस्तर में भी काफी वृद्धि दर्ज की गयी. नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से दर्जनों गांव के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी आ गया है. वहीं, जलस्तर में बढ़ोतरी से तटबंध पर कटाव का खतरा भी बढ़ गया है. वहीं, अररिया सहित नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से सिकटी प्रखंड की बकरा व नूना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. इससे बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं. बकरा के जल स्तर में तेज वृद्धि के कारण विभिन्न घाटों पर चचरी के पुल बह गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | June 27, 2020 9:27 PM

कटिहार / अररिया : महानंदा का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान के ऊपर आ गया. वहीं, गंगा,कोसी समेत कई नदियों के जलस्तर में भी काफी वृद्धि दर्ज की गयी. नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से दर्जनों गांव के निचले हिस्से में बाढ़ का पानी आ गया है. वहीं, जलस्तर में बढ़ोतरी से तटबंध पर कटाव का खतरा भी बढ़ गया है. वहीं, अररिया सहित नेपाल के तराई इलाकों में लगातार हो रही बारिश से सिकटी प्रखंड की बकरा व नूना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. इससे बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं. बकरा के जल स्तर में तेज वृद्धि के कारण विभिन्न घाटों पर चचरी के पुल बह गये हैं.

कटिहार जिले के महानंदा नदी का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जबकि, गंगा, कोसी और बरंडी नदी भी चेतावनी स्तर को छूने को आतुर है. महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि से आजमनगर, कदवा, प्राणपुर, बलरामपुर आदि प्रखंड के दर्जनों गांव के निचले हिस्से बाढ़ के पानी की चपेट में आ चुके हैं. जलस्तर में वृद्धि से स्पर और तटबंध पर कटाव का खतरा उत्पन्न हो गया है. जिले में पिछले आठ दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश से जलस्तर में और वृद्धि की संभावना है.

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, जिले की महानंदा, गंगा, कोसी और बरंडी के जलस्तर में शनिवार को वृद्धि दर्ज की गयी है. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की मानें, तो महानंदा नदी आजमनगर और धबौल में खतरे के निशान से क्रमशः तीन एवं 26 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. जबकि, दुर्गापुर में यह नदी तीन सेंटीमीटर लाल निशान से ऊपर है. साथ ही कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर होने को आतुर है.

गंगा, कोसी और बरंडी नदी में उफान

गंगा, कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में शनिवार को भी वृद्धि दर्ज की गयी. बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अनुसार, गंगा नदी के रामायणपुर में शुक्रवार की शाम 24.33 मीटर दर्ज किया गया, जो शनिवार की सुबह बढ़ कर 24.39 मीटर हो गया. इसी नदी के काढ़ागोला घाट पर जलस्तर 27.35 मीटर दर्ज किया गया था, जो बढ़ कर 12 घंटे बाद शनिवार की सुबह 27.39 मीटर हो गया. बरंडी नदी का जलस्तर एनएच-31 के डूमर पर शुक्रवार की शाम 27.86 मीटर दर्ज किया गया. जबकि, शनिवार की सबेरे बढ़ कर 27.92 मीटर हो गया. कोसी नदी का जलस्तर कुरसेला रेलवे ब्रिज पर शुक्रवार की शाम 27.05 मीटर था, जो शनिवार की सुबह बढ़कर 27.15 मीटर हो गया.

महानंदा का जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में फैला बाढ़ का पानी

मानसून शुरू होते ही महानंदा का जलस्तर लाल निशान के करीब पहुंचते ही निचले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने से लोगों में दहशत है. साल 2017 के विनाशकारी बाढ़ को याद करते हुए लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गये हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों ने बताया कि इस साल बारिश अधिक हो रही है. मौसम विभाग भी सचेत कर रहा है. ऐसे में घरों के सामान, अनाज, पशुओं की सुरक्षा की चिंता है. लोग सुरक्षित ठिकानों की तलाश शुरू कर दिये हैं.

बकरा और नूना नदी के जलस्तर में वृद्धि से ग्रामीण भयभीत

अररिया जिले सहित नेपाल के तराई इलाकों में लगातार बारिश से सिकटी प्रखंड से होकर बहनेवाली बकरा और नूना नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. इससे बाढ़ की आशंका से लोग भयभीत हैं. बकरा के जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण कई घाटों के चचरी पुल बह गये. कुर्साकांटा जाने में अब लोगों को लंबी दूरी तय करना पड़ रहा है. वहीं, नूना के बढ़े जलस्तर ने नदी किनारे बाढ़ नियंत्रण के लिए किये गये उपायों की पोल खोल दी है. सिंहीया तटबंध पर बालू भरे बोरे नदी में समा चुके हैं. पंसस प्रतिनिधि परवाज के मुताबिक, बांध कटने से बड़ी आबादी बाढ़ की चपेट में आ जायेगी. इसलिए लोगों ने खुद बांस-बल्ली के सहारे किसी तरह बांध बचाने में जुटे हैं.

Posted By : Kaushal Kishor

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