वाराणासी के अस्सी घाट पर एक पढ़ी -लिखी महिला भीख मांग कर अपना गुजारा कर रही हैं, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. काशी में निवास कर रही इस महिला से बातचीत करने पर पता चला कि यह कम्प्यूटर साइंस में ग्रेजुएट है. फर्राटेदार इंग्लिश में बात कर रही यह युवती तिरुपति बालाजी की रहने वाली है. उसने कंप्यूटर साइंस से बीए किया है. पति द्वारा काशी में छोड़ दिये जाने के बाद वह काशी में ही भीख मांगकर जीवन यापन कर रही हैं.
अस्सी घाट पर भीख मांगकर जीवन यापन करती दक्षिण भारत की कंप्यूटर साइंस से ग्रेजुएट युवती को देखकर हर कोई आश्चर्य में पड़ जा रहा. नियति की मारी यह युवती जब इंग्लिश में बात करती है तो लोगो को अचम्भा हो जाता है. यह सोचकर कि पढ़ी लिखी युवती की किस्मत इतनी खराब कैसे हो सकती हैं. युवती से जब बातचीत की गई तो उसने बताया कि उसका नाम स्वाति है और वह दक्षिण भारत के तिरुपति बालाजी की रहने वाली है. उसने कंप्यूटर साइंस से बीएससी किया था.
2011 में उसकी शादी हुई और पति के साथ वह अच्छे से रह रही थी. पहली बेटी पैदा हुई तो उसके शरीर का दायां हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया. इसके बाद से ही उसे ससुराल वाले प्रताड़ित करने लगे. इसके बाद उसने एक बेटे का जन्म दिया. हालांकि प्रताड़ना का सिलसिला नहीं थमा. दोनों बच्चों को घर पर ही छोड़ कर एक दिन उसका पति उसे वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर छोड़ कर चला गया.
पति ने कहा था कि जाओ यहीं रहना. काशी में मरने से मोक्ष मिलता है. तब से वह काशी में अस्सी घाट पर भीख मांग रही है. स्वाति के हौसले अभी भी कुछ करने के लिए है, वो चाहती हैं एक दुकान खोलना ताकि अपने पैरों पर खड़ी हो सके. वो लोगो से मदद मांग रही हैं कि कोई भी उसकी दुकान खुलवा दे.
स्वाति ने दुबारा अस्सी घाट के ही एक युवक गोपाल से दूसरी शादी की, गोपाल ने गंगा में डूबने से उसकी जान बचाई थी. गोपाल से शादी के बाद उसने एक पुत्री को जन्म दिया, मगर वो भी 57 दिन बाद मर गई. अब वह अपनी निराश जिंदगी में आशा भरने के लिए खुद आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं.
काशी में वे किसी भी व्यक्ति से उम्मीद कर रही है कि कोई भी उसे दुकान खुलवा दे या जॉब दे दे, ताकि वह अच्छी जिंदगी जी सके. स्वाति की ये कहानी सोशल मीडिया पर एक युवक ने पोस्ट कर लोगों से उसकी मदद करने की अपील की है.
इनपुट : विपिन सिंह