झारखंड: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से मिले खाद्यान्न कारोबारी, विधेयक वापस लेने की मांग पर क्या मिला आश्वासन ?
लोहरदगा के व्यापारियों ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से कहा कि विधेयक से झारखंड का सम्पूर्ण खाद्यान्न व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित होगा. ऐसे में हम व्यापारी इसे न्यायसंगत नहीं मानकर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
लोहरदगा. लोहरदगा में व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से राज्यसभा सांसद धीरज प्रसाद साहु के लोहरदगा आवास पर मिला. मंत्री लोहरदगा में उर्स के अवसर पर आए थे. व्यापारियों ने मंत्री से कहा कि राज्य कृषि उपज और पशुधन विपणन (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2022 को झारखंड में लागू होने से पूरा खाद्यान्न व्यापारियों में अतिरिक्त कर का बोझ बढ़ जाएगा एवं विभिन्न तरह के प्रपत्रों का रख-रखाव का बोझ पड़ेगा. इससे इंस्पेक्टर राज, अफ़सरशाही एवं भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. मंत्री बादल पत्रलेख ने व्यापारियों की बातों को ध्यान से सुना और कहा कि इस मामले में वे गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे हैं. व्यापारियों के हित में निर्णय लिया जाएगा.
खाद्यान्न कारोबारियों का अनिश्चितकालीन बंद
लोहरदगा के व्यापारियों ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख से कहा कि विधेयक से झारखंड का सम्पूर्ण खाद्यान्न व्यापार बहुत ज्यादा प्रभावित होगा. ऐसे में हम व्यापारी इसे न्यायसंगत नहीं मानकर ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. हम सभी व्यापारी बढ़ती परेशानियों की आशंका को देखते हुए विधेयक के विरोध को लेकर 15 फरवरी से खाद्यान्न प्रतिष्ठान को अनिश्चितकालीन बंद किए हुए हैं. ये हमारी मजबूरी है.
कारोबारियों के हित में होगा निर्णय
खाद्यान्न कारोबारियों ने कहा कि इस विधेयक के प्रभावी होने से राज्य में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में मूल्यवृद्धि होगी. महंगाई के साथ-साथ इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिलेगा. इस आशंका को देखते हुए एवं उपभोक्ताओं को महंगाई से बचाने के लिए ये निर्णय लेना हमारी विवशता है. मंत्री बादल पत्रलेख ने व्यापारियों की बातों को ध्यान से सुना और कहा कि इस मामले में वे गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे हैं और व्यापारियों के हित में ही कोई निर्णय लिया जाएगा.