मां की मौत के बाद भी नहीं टूटा झारखंड की इस महिला फुटबॉलर का हौसला, अब मैदान पर मचा रही धमाल
झारखंड (Jharkhand News) के पिछड़ा जिला गुमला की बेस्ट फुटबॉल खिलाड़ी 17 वर्षीय सुमति कुमारी (Footballer Sumati Kumari) का चयन 2022 में होने वाले सीनियर नेशनल एशियन फुटबॉल कप (Senior National Asian Football Cup) के लिए भी हुआ था.
‘फ्लैट लेट’ में चल रहे सीनियर महिला भारतीय फुटबॉल (Indian women football team) टीम के कैंप में झारखंड की एकमात्र खिलाड़ी सुमति कुमारी (Footballer Sumati Kumari) शामिल हैं. सुमति का भारतीय टीम तक पहुंचने तक का सफर काफी कठिन रहा है. झारखंड के उग्रवाद प्रभावित और पिछड़े जिला गुमला के लोंडरा गांव की रहनेवाली सुमति सिर्फ साढ़े चार साल के छोटे से करियर में सभी को प्रभावित कर चुकी हैं.सुमति ने स्ट्राइकर के रूप में 2016 से खेलना शुरू किया.
सुमति ने अपने गांव में लड़कों को फुटबॉल खेलते देखकर इस खेल को अपनाया. छह भाई-बहनों में सबसे छोटी सुमति लड़कों के साथ फुटबॉल खेलते हुए मशहूर हो गयीं. उनके गांव में स्थित एक स्कूल के प्राचार्य फादर रामू विसेंट ने पहली बार सुमति के टैलेंट को पहचाना. फादर रामू ने सुमति के खेल से प्रभावित होकर उसे अपने स्कूल में एंट्री दे दी और उसको बूट व किट भी दिये. इसके बाद सुमित का करियर आगे बढ़ता गया.
झारखंड फुटबॉल एसोसिएशन (Jharkhand Football Association) के सहयोग से सुमति 2019 में आयोजित सैफ अंडर-15 भारतीय टीम में भी पहुंच गयी. सुमति की जिंदगी में सबसे कठिन पल तब आया, जब वह भूटान में होनेवाले सैफ अंडर-15 महिला टीम के कैंप में शामिल थी और टूर्नामेंट की तैयारी कर रही थी. इसी दौरान सुमति को बताया गया कि उसकी मां सनियारो देवी का निधन हो गया है. यह खबर सुनने के बाद भी सुमति अपने दृढ़ संकल्प से नहीं डिगी. वह टीम के साथ भूटान रवाना हुई और वहां न केवल बेहतर प्रदर्शन किया, बल्कि टीम को भी चैंपियन बनाया. इस टूर्नामेंट में उसने दो गोल भी किये. सुमति के पिता फिरू उरांव एक किसान हैं.
Posted by : Rajat Kumar