Jharkhand News: Footprint से तेंदुआ होने की पुष्टि हुई, गढ़वा के चिनिया क्षेत्र में शिफ्ट हुआ सर्च ऑपरेशन

गढ़वा के चिनिया में पिछले दिनों बकरियों को मारने के मामले में वन विभाग ने तेंदुआ के हमले की पुष्टि की है. पदचिह्न के आधार पर तेंदुआ होने की पुष्टि हुई है. लेकिन, तेंदुआ के बार-बार क्षेत्र बदलने से उसे पकड़ने या मारने में परेशानी हो रही है. वहीं, ग्रामीण भी काफी डरे-सहमे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2023 10:44 PM

गढ़वा, विनोद पाठक : गढ़वा जिले के चिनिया थाना अंतर्गत हेताड़ कला गांव स्थित केलहा झरिया टोला में किसान बुद्धि नारायण सिंह के दो बकरियों को मारने और एक बकरी को घायल करनेवाला जंगली जानवर आदमखोर तेंदुआ ही था, जिसकी एक महीने से अधिक दिनों से तलाश की जा रही है. वन विभाग द्वारा जानवर के पदचिह्नों की जांच के बाद इस बात की पुष्टि होने पर वन विभाग के अधिकारी परेशान हैं. वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ हर बार अपना क्षेत्र बदल दे रहा है, इसलिए उसे पकड़ने या बेहोश करने में परेशानी हो रही है. वन विभाग के साथ तेंदुआ को कैद करने आये नवाब शफत अली खान की टीम भी परेशान है.

15 ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए

मालूम हो कि वन विभाग को ऊपर से दो दिन पहले तेंदुआ को एक शर्त के साथ मारने का भी आदेश मिल चुका है, लेकिन इसके बाद भी अभी तक न तो तेंदुआ को मारने और न ही उसे कैद करने में कोई सफलता मिल सकी है. इस क्रम में गुरुवार को ही वन विभाग कर्मी हेताड़ कला गांव पहुंचकर वहां ट्रैपिंग कैमरे लगाये. बताया गया कि गुरुवार और शुक्रवार को मिलाकर कुल 15 ट्रैपिंग कैमरे लगाये गये. इस कैमरे में वन विभाग को एक कुत्ता की तसवीर दिखाई दी. लेकिन, कैमरे में आदमखोर तेंदुआ कैद नहीं हो सका है. वन विभाग ने इसके अलावे इस इलाके में दो केज भी लगाये गये हैं, लेकिन इससे भी तेंदुए को फंसाने में सफलता नहीं मिल पायी है. इसके कारण संभावना है कि तेंदुआ को लेकर चूहा-बिल्ली का खेल अभी और लंबा चलेगा.

एक महीने से अधिक समय से परेशान हैं ग्रामीण

गढ़वा जिला के दक्षिणी क्षेत्र के चार प्रखंडों के करीब 100 गांव के ग्रामीण एक महीने से अधिक समय से तेंदुए को लेकर परेशान हैं. इनमें जिले के चिनिया, रमकंडा, रंका और भंडरिया प्रखंड के ग्रामीण शामिल हैं. इस इलाके से तेंदुआ ने अभीतक तीन बच्चों को मार डाला है और एक दर्जन से ऊपर पशुओं को या तो शिकार बनाया है या उसको मार डाला है. एक बड़े इलाके के ग्रामीण तेंदुए के आतंक से दहशत के साये में जी रहे हैं. वे रात में जहां ठीक से सो नहीं पा रहे हैं, वहीं दिन में भी उनको अपने बच्चों और पालतू पशुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई है. तेंदुआ के भय से ग्रामीण जंगल जाना छोड़ दिये हैं. इससे उनको पशुओं को चराने और उनके चारे को लेकर परेशानी झेलनी पड़ रही है. इतने दिनों से तेंदुए के पकड़ने के प्रयास के बावजूद सफलता नहीं मिलने पर ग्रामीणों को वन विभाग के इस अभियान से निराशा हो चुकी है. इसके कारण ग्रामीणों में रोष देखने को मिल रहा है.

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आदमखोर तेंदुआ को पकड़ने के लिए जुटी हुई है टीम : वन संरक्षक

इस संबंध में वन संरक्षक दिलीप कुमार यादव ने बताया कि चिनिया में तेंदुआ की उपस्थिति होने के बाद वन विभाग इस दिशा में केंद्रीत होकर उसकी खोज कर रहा है. पदमार्क में तेंदुए की पुष्टि होने के बाद वहां तेंदुआ की निगरानी के लिये ट्रैपिंग कैमरे लगाये गये हैं. साथ ही केज लगाकर भी उसे कैद करने के उपाय किये जा रहे हैं. जबतक तेंदुआ पकड़ में नहीं आ जाता है, तबतक ग्रामीणों को सावधान रहकर सभी आवश्यक सुरक्षा के उपाय करने को कहा गया है.

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