धनबाद: झारखंड अलग राज्य के गठन के बाद पहली बार 15 अप्रैल को सबसे अधिक बिजली की मांग रही. इस दिन रिकॉर्ड 2800 मेगावाट बिजली की मांग रही. बताया गया कि अपराह्न तीन बजे के करीब पूरे राज्य में बिजली की मांग में अचानक इजाफा हो गया. 2500 मेगावाट की जगह सीधे 2800 मेगावाट की मांग होने लगी, जबकि बिजली की उपलब्धता केवल 2200 मेगावाट ही थी. इस कारण धनबाद समेत राज्य के सभी हिस्सों में लोड शेडिंग करनी पड़ी.
बताया जा रहा है कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए पावर एक्सचेंज से बात की गयी, तो 400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था हुई. हालांकि, शाम छह बजे के बाद स्थिति नियंत्रण में आ गयी. मांग घटकर 2300 से 2400 मेगावाट के बीच रही. इसके बावजूद राज्य के सभी हिस्सों में लोड शेडिंग की जा रही थी. बताया गया कि डीवीसी कमांड एरिया में भी 15 अप्रैल को 600 मेगावाट की जगह 700 मेगावाट की खपत होने लगी. हालांकि, डीवीसी अपने कमांड एरिया में 700 मेगावाट की आपूर्ति करने लगा. धनबाद, गिरिडीह, बोकारो, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा व चतरा के ग्रामीण इलाकों में लोड शेडिंग की शिकायत मिली है.
इधर, डीवीसी कमांड एरिया से बाहर दोपहर में 2100 मेगावाट तक मांग रही. शाम छह बजे के बाद मांग घटकर 1600 से 1700 मेगावाट के बीच रही. इस दौरान पावर एक्सचेंज से जेबीवीएनएल द्वारा 241 मेगावाट अतिरिक्त बिजली ली जा रही थी. जेबीवीएनएल के पास अपनी बिजली 1576 मेगावाट थी. हालांकि, शाम के समय शहरी इलाकों को लोड शेडिंग से मुक्त रखने का निर्देश दिया गया. बताया गया कि शाम के समय फुल लोड आपूर्ति की जा रही थी.