अलीगढ़: वन विभाग की टीम ने शहरी इलाके से मगरमच्छ को पकड़ा, तालाब से बाहर आकर गलियों में घूमने से थी दहशत
अलीगढ़ में बीते दिनों शहरी इलाके में खुलेआम घूमते दिखाई देने वाले मगरमच्छ को वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया है. ये मगरमच्छ कई सालों से इलाके में था, जिसकी वजह से लोगों में दहशत थी. बरसात में ये मगरमच्छ अक्सर बाहर निकलकर शहरी इलाके में आ जाता था
Aligarh News: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में मगरमच्छ की वजह से दहशत में रहने वाले नई बस्ती इलाके के लोगों को बड़ी राहत मिली है. बुधवार को वन विभाग की टीम ने इसे लोगों की सूचना पर पकड़ लिया. स्थानीय लोगों का कहना था कि इलाके में यह मगरमच्छ पोखर में पिछले कई वर्षों से मौजूद था. इसके कारण दहशत बनी हुई थी.
बीते दिनों अलीगढ़ के थाना बन्ना देवी क्षेत्र की नई बस्ती में घनी आबादी वाले क्षेत्र में मगरमच्छ के आने और गलियों में घूमने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. प्रभागीय वन अधिकारी दिवाकर वशिष्ठ ने तब टीम को मगरमच्छ पकड़ने के लिए भेजा था. लेकिन पोखर में जलकुंभी अधिक होने के चलते ऐसा नहीं हो पाया. इसके बाद नगर निगम को पोखर की सफाई कराने के लिए पत्र भी लिखा गया.
बताया जा रहा है कि बारिश के चलते पोखर पानी से भर गया है, जिसके चलते मगरमच्छ अक्सर बाहर निकल कर कॉलोनी की सड़क पर आ रहा था. इसको लेकर वन विभाग को कई बार लिखित में शिकायती पत्र दिया गया. लेकिन, मगरमच्छ के भय से मुक्ति नहीं मिली.
Also Read: सीमा हैदर नेपाल के रास्ते भारत में नहीं हुई दाखिल! 8 मई को मोबाइल खरीदने और उसी दिन पासपोर्ट बनने पर संदेहइधर जब यह मगरमच्छ बुधवार को पोखर के बाहर दिखाई दिया, तो लोगों ने इसकी घेराबंदी कर वन विभाग को सूचना दे दी. मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इसका रेस्क्यू कर अपने साथ ले गई.
विशेषज्ञ बताते हैं कि इस तरह का मगरमच्छ चंबल घाटी में पाया जाता है. हो सकता है कि यह मगरमच्छ बालू मौरंग के ट्रक में किसी तरह कुछ वर्षों पहले यहां आ गया हो. संभावना है कि घबराहट में बालू मौरंग के कारोबारी ने इसे पोखर में छोड़ दिया गया हो, तभी से यह मछलियों को खाकर पलता रहा और काफी बड़ा हो गया.
पोखर से कुछ दूरी पर राजकीय औद्योगिक और कृषि प्रदर्शनी के मैदान में बालू मौंरग की मंडी लगती है. ऐसे में इस तरह की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. इस बीच स्थानीय लोग मगरमच्छ पकड़ जाने के बाद बेहद खुश हैं. मगरमच्छ को लेकर वर्षों से चली आ रही उनकी दहशत भी दूर हो गई है.
स्थानीय निवासी नादिर खान ने बताया कि पिछले चार सालों से मगरमच्छ यहां पोखर में था, जिसकी वजह से लोग दहशत में रहते थे. कुछ समय से मगरमच्छ तालाब से अक्सर बाहर आ जाता था. इस बारे में वन विभाग को सूचना दी गई थी. वन विभाग ने भी अपनी टीम लगाई थी. लेकिन, वह पकड़ में नहीं आ रहा था. ऐसे में मगरमच्छ को लेकर स्थानीय लोग बेहद सर्तक थे और उसकी गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे.
बुधवार को मगरमच्छ के बाहर आते ही लोगों ने वन विभाग को तुरंत जानकारी दी, जिसके बाद मगरमच्छ को पकड़ा लिया गया. वन महकमे की टीम के समय पर आने और मगरमच्छ के भय से मुक्ति दिलाने को लेकर लोगों ने उनका शुक्रिया अदा किया है.
स्थानीय निवासी राशिद ने बताया कि मगरमच्छ आज सुबह ट्रक के नीचे बैठ गया था. स्थानीय लोगों ने जब उसे बाहर देखा तो वन विभाग को सूचना दी गई. इसके बाद योजनाबद्ध तरीके से मगरमच्छ को पकड़ा गया. राशिद ने बताया कि मगरमच्छ के चलते स्थानीय लोगों में दहशत थी. कई वर्षों से यहां पोखर में उसका ठिकाना था.
मगरमच्छ कई बार मोहल्ले की गलियों में आ जाता था और लोगों के घरों के गेट पर भी बैठ जाता था. इस वजह से बच्चों के लिए बहुत खतरा बना हुआ था. अब मगरमच्छ के पकड़े जाने से सभी को राहत मिली है. राशिद बताते हैं कि मुमकिन हो कि एक मगरमच्छ और हो, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है.
पीलीभीत में नदी से निकलकर शहर में आ गया मगरमच्छप्रदेश में बारिश के मौसम में अन्य जगहों पर भी मगरमच्छ के आने के मामले सामने आए हैं. पीलीभीत में बीते दिनों बरसात के मौसम में एक मगरमच्छ खकरा नदी से निकलकर शहर के बीचों बीच इलाके में आ गया. यह इलाका शहर के मुहल्ला नखासा के अंतर्गत आता है. यहां पर गांधी स्टेडियम के बराबर में तालाब है. मगरमच्छ देख कर लोगों में हड़कंप मच गया. सूचना पर पहुंची सामाजिक वानिकी वन्य जीव प्रभाग की टीम ने रेस्क्यू करके मगरमच्छ को पिंजरे में कैद कर लिया. इसके बाद सुरक्षित ढंग से जंगल के अंदर माला नदी में छोड़ दिया गया.