झारखंड में फर्जीवाड़ा का खेल देखिए, साहिबगंज के बेचिरागी गांव में कागज पर ही बना दिया PM आवास
झारखंड के बेचिरागी गांव में भी पीएम आवास बन रहे हैं. बरहरवा के विनोदपुर स्थित बेचिरागी गांव श्यामजोत में फर्जी तरीके से कागज पर 18 पीएम आवास बना दिया गया, लेकिन धरातल पर एक भी आवास नहीं है. लाभुक ने राशि की निकासी भी की है.
Prabhat Khabar Speical: गरीबों के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में भ्रष्टाचार के नीत नये खुलासे हो रहे हैं. साहिबगंज जिला अंतर्गत बरहरवा प्रखंड क्षेत्र की विनोदपुर पंचायत के बेचिरागी गांव (जहां एक भी लोग नहीं निवास नहीं करते यानी खेत है) श्यामजोत में 18 प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की स्वीकृति दी गयी.
18 पीएम आवास की स्वीकृति दिखाते हुए राशि की हुई निकासी
वित्तीय वर्ष 2020-21 में देते हुए 12 आवास के संपूर्ण राशि की निकासी, पांच आवास के प्रथम किस्त की निकासी तथा एक आवास के दूसरे किस्त की निकासी भी कर ली गयी है. जिस बेचिरागी गांव श्यामजोत में 18 आवास की स्वीकृति दिखाते हुए राशि की निकासी की गयी है, वहां पर पूरे तरीके से खेत है. यहां एक भी लोग गुजर-बसर नहीं करते हैं. इस संबंध में पंचायत के मुखिया चंद्र उरांव, पंसस मीरा देवी, वार्ड सदस्य सिरिका उरांव, प्रदीप उरांव, आइशा बीबी, मो साहिबान के अलावे करीब 256 ग्रामीणों ने हस्ताक्षरयुक्त आवेदन जिले के उपायुक्त रामनिवास यादव को सौंपा है.
जरूरतमंद की जगह संपन्न लोगों को मिला आवास
शिकायत के अनुसार, जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों का कहना है कि पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना वित्तीय वर्ष 2020-21 में काफी गड़बड़झाला किया गया है. जरूरतमंद को आवास न मिलकर संपन्न लोगों को आवास प्राप्त हुआ है. प्रधानमंत्री आवास योजना में बिना स्थलीय जांच ही योजना की स्वीकृति तथा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय किस्त का भुगतान भी कर दिया गया है.
लिखित शिकायत के बावजूद गलत सूची हुआ तैयार
पंचायत के मुखिया चंद्र उरांव ने कहा कि SECC डाटा में जब इन लाभुकों का नाम वर्ष 2016 में देखा गया, तो तत्कालीन पंचायत समिति सदस्य फुलेरी मुर्मू द्वारा पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर फर्जी लाभुक के सूची को तैयार नहीं करने का आग्रह किया गया था, लेकिन पदाधिकारी ने कुछ कर्मियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि की मदद से गलत सूची का चयन किया.
विनोदपुर के बेचिरागी गांव श्यामजोत में इन लाभुकों के नाम आवास हुआ स्वीकृत
लाभुक श्याम माल (आवास संख्या- जेएच1817575, कुल भुगतान – 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक विमला बेवा (आवास संख्या – जेएच1826035, कुल भुगतान 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक बोधन मालिन (आवास संख्या- जेएच1105187, कुल भुगतान- 40 हजार रुपये ), लाभुक कृष्णा माल (आवास संख्या- जेएच1857426, कुल भुगतान- 40 हजार रुपये), लाभुक मुन्नी मालिन (आवास संख्या- जेएच1857553, कुल भुगतान- 1 लाख 15 हजार रुपये), लाभुक मृदुला मालिन (आवास संख्या- जेएच1857570, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक बफीता मालिन (आवास संख्या- जेएच 1899754, कुल भुगतान- 40 हजार रुपये), लाभुक दिलीप माल (आवास संख्या- जेएच1899902, कुल भुगतान- 40 हजार रुपये), लाभुक मिथुल माल (आवास संख्या- जेएच1912463, कुल भुगतान- 40 हजार रुपये), लाभुक दिलीप माल (आवास संख्या- जेएच2325287, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक सुरोहिणी मालिन (आवास संख्या- जेएच1912453, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक मंसूरी मालिन (आवास संख्या- जेएच1918723, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक रवि माल (आवास संख्या- जेएच1860526, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक दुलाली मालिन (आवास संख्या- जेएच1874836, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक कलावती मालिन (आवास संख्या- जेएच1874885, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक लक्ष्मी मालिन (आवास संख्या- जेएच1310826, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक फुलसेवर मालिन (आवास संख्या- जेएच1826015, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये), लाभुक फलनी बेवा (आवास संख्या- जेएच1060315, कुल भुगतान- 1 लाख 20 हजार रुपये) आदि के नाम आवास स्वीकृत हुआ है और राशि निकासी हुई है, जबकि बेचिरागी गांव श्यामजोत में एक भी आवास नहीं बना है.
अगर गड़बड़ी हुई है तो होगी कार्रवाई : सुमित चौबे
पीएम आवास के जिला समन्वयक सुमित कुमार चौबे ने कहा कि इस संबंध में मुझे भी शिकायत प्राप्त हुआ है. जब इस बात की जानकारी प्रखंड समन्वयक मार्शल किस्कू से प्राप्त किया गया, तो मार्शल किस्कू के अनुसार गलत मैपिंग के कारण विनोदपुर पंचायत के बेचिरागी गांव श्यामजोत में आवास दिख रहा है. असल में यह आवास रूपसपुर पंचायत के श्यामजोत में बना है. गलत मैपिंग के कारण ही यह आवास विनोदपुर पंचायत में स्वीकृत एवं बना दिख रहा है. हालांकि, इस संबंध में वे खुद विनोदपुर व रूपसपुर गांव जाकर जांच करेंगे और जांच के बाद ही मामला स्पष्ट हो पायेगा. अगर कोई पीएम आवास मामले में गड़बड़झाला किया है, तो प्राप्त शिकायत के आलोक में संबंधित लोगों पर अवश्य कार्रवाई की जायेगी.
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रिपोर्ट : विकास जायसवाल, बरहरवा, साहिबगंज.