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सारंडा के करमपदा आयरन ओर खदान के 6 लाख टन उठाव पर पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने उठाये सवाल, मजदूरों की भी सुनी समस्या

Jharkhand ki khabare, Kiriburu news : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा के शाह ब्रदर्स की करमपदा आयरन ओर खादान (Karampada Iron Ore Mine) का पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने निरीक्षण किया. इस दौरान खादान के विभिन्न क्वारियों, स्टॉक यार्ड एव प्लॉट में खनन कर पूर्व से स्टॉक कर रखे गये लौह अयस्कों के भंडारों का आकलन किया. इस दौरान श्री कोड़ा ने पाया कि वर्तमान सरकार की तरफ से शाह ब्रदर्स को खादान में खनन कर स्टॉक किये गये 5,70,000 टन (पांच लाख सत्तर हजार टन) लौह अयस्क की उठाव की अनुमति प्रदान की है. उतना अयस्क का भंडार पूरे खादान क्षेत्र में नहीं है जो जांच का विषय है. इस प्रकरण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की संभावना है. इस मामले की दोबारा जांच कराने की सरकार व खनन विभाग की जरूरत है.

Jharkhand ki khabare, Kiriburu news : किरीबुरु (पश्चिमी सिंहभूम) : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत सारंडा के शाह ब्रदर्स की करमपदा आयरन ओर खादान (Karampada Iron Ore Mine) का पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने निरीक्षण किया. इस दौरान खादान के विभिन्न क्वारियों, स्टॉक यार्ड एव प्लॉट में खनन कर पूर्व से स्टॉक कर रखे गये लौह अयस्कों के भंडारों का आकलन किया. इस दौरान श्री कोड़ा ने पाया कि वर्तमान सरकार की तरफ से शाह ब्रदर्स को खादान में खनन कर स्टॉक किये गये 5,70,000 टन (पांच लाख सत्तर हजार टन) लौह अयस्क की उठाव की अनुमति प्रदान की है. उतना अयस्क का भंडार पूरे खादान क्षेत्र में नहीं है जो जांच का विषय है. इस प्रकरण में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार की संभावना है. इस मामले की दोबारा जांच कराने की सरकार व खनन विभाग की जरूरत है.

इस संबंध में पूर्व सीएम श्री कोड़ा शाह ब्रदर्स के महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा एवं अन्य पदाधिकारियों से खादान क्षेत्र स्थित कंपनी कार्यालय में वार्ता कर लौह स्टॉक से संबंधित जानकारी प्राप्त की. प्रभात खबर से बातचीत में श्री कोड़ा ने कंपनी प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी प्रबंधन द्वारा खनन विभाग को गत सितंबर माह में रिटर्न फाइल कर बताया गया कि उसके खादान में खनन किया हुआ लौह अयस्क का भंडार करीब 3,60,000 टन है. जिसमें अयस्क का ग्रेड, साइज आदि तक का जिक्र नहीं है. फिर वही कंपनी आज अपना भंडार करीब 6 लाख कैसे बता रही है. वहीं, सरकार ने भी 5,70,000 टन लौह अयस्क उठाव की अनुमति कैसे दे दी. खादान का जायजा लेने पर पूरे खादान क्षेत्र में उतना अयस्क नहीं है जिससे भ्रष्टाचार की संभावना साफ नजर आ रही है.

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इस संबंध में कंपनी के महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा ने पूर्व सीएम श्री कोड़ा को बताया कि खादान संख्या- एक में 2,10,000 टन, थ्री डी डंप यार्ड में 2,60,000 टन, स्टॉक यार्ड में 80,000 टन एवं खादान संख्या 3 और 4 में 30 हजार टन खनन किया लौह अयस्क मिलाकर करीब 6 लाख टन का भंडार है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 में इंडियन ब्यूरो आफ माइंस (Indian Bureau of Mines- IBM) द्वारा थ्री डी डंप यार्ड का सत्यापन किया था जिसमें वह 2,60,000 टन लौह अयस्क होने की बात कही है. हालांकि, उसका ग्रेड कम होने की वजह से उक्त डंप में से कुछ अयस्क का उठाव किया गया था, लेकिन बाकी वहीं छोड़ दिया गया था.

खनन विभाग द्वारा जब अयस्क भंडार का सत्यापन किया गया, तो आईबीएम द्वारा सत्यापित थ्री डी डंप का भंडार को नहीं किया गया एवं आईबीएम की रिपोर्ट को ही मान्य किया. इस पर श्री कोड़ा ने कहा कि खनन विभाग की उसी रिपोर्ट को सही माना जायेगा, जहां इस प्रबंधन की ओर से रिटर्न फाइल करने के दौरान करीब 3,60,000 टन अयस्क भंडार होने की बात कही गयी है.

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सारंडा के करमपदा आयरन ओर खदान के 6 लाख टन उठाव पर पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने उठाये सवाल, मजदूरों की भी सुनी समस्या 2
खनन मजदूरों की समस्या से अवगत हुए पूर्व सीएम

इस दौरान पूर्व सीएम श्री कोड़ा ने करमपदा स्थित शिव मंदिर प्रांगण में मजदूरों से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान शाह ब्रदर्स खादान में कार्य करने वाले लगभग 400 कामगारों का बकाया वेतन, पीएफ, ग्रेच्यूटी आदि का फाइनल भुगतान नहीं करने पर खादान से लौह अयस्क का एक टुकड़ा भी बाहर जाने नहीं देने की बात कही. उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 में कंपनी प्रबंधन, मजदूर एवं हमारे बीच हुई त्रिपक्षीय वार्ता में कंपनी के महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा ने 18 सूत्री मजदूरों की मांगों को मानते हुए लिखित समझौता किया था. इसमें मजदूरों का बकाया समेत तमाम पैसों का भुगतान एक माह के अंदर करने समेत 20 फीसदी बोनस, बिना सूचना के जितना दिन खादान बंद रहा उस दौरान का वेतन, मजदूरों के काटे गये पीएफ एवं बी रजिस्टर का डिटेल्स, जीवन बीमा, तमाम मजदूरों का वेतन एवं बकाया पैसों का अब तक का फाइनल भुगतान, मैनुअल रैक लोडिंग, योग्यता अनुसार न्यूनतम मजदूरी, खादान दुर्घटना में मजदूरों की मौत पर आश्रितों को सहायता राशि आदि का भुगतान कंपनी ने आज तक नहीं किया.

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इसके अलावा खादान के मजदूरों एवं ग्रामीणों के लिए 3 एंबुलेंस के अलावे करमपदा क्षेत्र में सारी सुविधा से लैस 5 बेड का अस्पताल एवं गंभीर मरीजों को बाहर इलाज में आनेवाला खर्च कंपनी प्रबंधन द्वारा वहन करना, बच्चों को किरीबुरु स्कूल आने-जाने के लिए स्कूल बस उपलब्ध कराना, मजदूरों को ड्यूटी आने-जाने के लिए बस देना, करमपदा- नवागांव- भनगांव में एक-एक सामुदायिक भवन, मजदूरों को रहने के लिए आवास या आवास भत्ता, मजदूरों का कंपनी पहचान पत्र, प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों का कब्जा किया गया जमीन को मुक्त करना एवं उसका उचित मुआवजा देना आदि मांगे रखी गयी थी, जिसमें एक भी मांग प्रबंधन ने पूरा नहीं किया है. श्री कोड़ा ने कहा कि ऐसी स्थिति में जबतक मजदूरों का तमाम बकाया पैसा का भुगतान कंपनी नहीं करती है तबतक खादान से लौह अयस्क का एक टुकड़ा एवं कंपनी के वाहन को जाने नहीं दिया जायेगा.

इस पर मजदूरों के बकाया पैसा भुगतान मामले में कंपनी के महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा ने एक माह का समय मांगा, जिसे श्री कोड़ा ने अस्वीकार करते हुए पहले मजदूरों का बकाया पूरा पैसों का भुगतान करने की बात दोहरायी. आखिरकार कंपनी प्रबंधन ने एक माह में मजदूरों का पैसा भुगतान करने का आश्वासन दिया. मौके पर मंगरा मुंडा, राजेश मुंडा, चंद्रराम मुंडा, कुन्नू पटनायक आदि दर्जनों मौजूद थे.

Posted By : Samir Ranjan.

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