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झारखंड : फाइल गायब करने के आरोपी साहिबगंज के पूर्व डीएसओ ने कोर्ट में किया सरेंडर,14 दिनों के लिए भेजे गये जेल

फाइल गायब करने के मामले में साहिबगंज के पूर्व जिला आपूर्ति पदाधिकारी अनिल कुमार ने मंगलवार को कोर्ट में सरेंडर किया. कोर्ट ने उसे 14 दिनों के न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके खिलाफ वर्ष 2014 में जिरवाबाडी ओपी में मामला दर्ज कराया गया था.

Jharkhand News: संचिका (फाइल) गायब करने के आरोपी साहिबगंज के पूर्व डीएसओ (जिला आपूर्ति पदाधिकारी) अनिल कुमार ने मंगलवार को साहेबगंज सिविल कोर्ट में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार के न्यायालय में सरेंडर कर दिया. न्यायालय ने उन्हें पुलिस कस्टडी में लेते हुए 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इनके खिलाफ वर्ष 2014 में साहिबगंज के जिरवाबाडी ओपी में दर्ज मामला कराया गया था.

संचिका जांच के दौरान गायब करने का आरोप

जानकारी के अनुसार, अपील वाद संख्या 1102/2012 मोहम्मद इकराम उल अंसारी बनाम जन सूचना पदाधिकारी सह जिला शिक्षा पदाधिकारी साहेबगंज के मामले की संचिका जांच के दौरान गायब करने के आरोप में साहेबगंज के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियरन तिर्की ने जिरवाबाड़ी थाना कांड संख्या 361 /2014 में साहेबगंज के पूर्व जिला शिक्षा पदाधिकारी सुशील कुमार राय समेत अन्य के खिलाफ प्राथमिक दर्ज करायी थी. गायब संचिका में लिपिक दिलीप कुमार पांडेय की सेवा समाप्ति से संबंधित आदेश की कॉपी संलग्न थी. इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट से आरोपी डीएसओ अनिल कुमार की जमानत अर्जी खारिज हो गयी थी. इसके बाद उन्होंने मंगलवार को साहेबगंज सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया. इनकी ओर से सीनियर एडवोकेट विजय कर्ण एवं लाल बाबू यादव ने पैरवी की.

पलामू में भी कई बार हो चुकी है छापेमारी

पलामू आयुक्त के सचिव सह जिला बंदोबस्त पदाधिकारी के रूप में कार्यरत अनिल कुमार का नाम शिक्षा विभाग में हुई अवैध नियुक्ति की संचिका गायब करने में सामने आने के बाद जिरवाबाडी ओपी की पुलिस गिरफ्तारी वारंट लेकर दिसंबर व जनवरी में पलामू में छापेमारी की थी. अनिल कुमार की गिरफ्तारी के लिए एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने छह माह पूर्व एसआइटी का गठन भी किया था. बावजूद पूर्व डीएसओ की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी. वे फरार चल रहे थे. सात माह पूर्व वर्ष 2022 में पूर्व डीएसओ अनिल कुमार को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नत कर दिया गया है.

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क्या है मामला

जिरवाबाडी थाना क्षेत्र में दिलीप कुमार पांडेय नामक व्यक्ति की नियुक्ति शिक्षा विभाग में लिपिक के पद पर हुई थी. किसी ने इस नियुक्ति में अनियमितता का आरोप लगाते हुए वरीय अधिकारियों से शिकायत कर दी. उस समय जिला आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित अनिल कुमार को मामले की जांच का जिम्मा मिला था. हालांकि, यह मामला दब गया. वर्ष 2014 में पूर्व डीइओ भलेरियन तिर्की के समय में दोबारा इसकी शिकायत की गयी. इसके बाद पुरानी संचिका की खोज शुरू हुई. वह संचिका नहीं मिली. इसके बाद पूर्व डीइओ भलेरियन तिर्की ने शिक्षा विभाग के प्रधान लिपिक गोपाल चंद्र सिंह, लिपिक पंचानंद महतो, राहुल आनंद सिंह, दिलीप कुमार पांडेय तथा आरइओ सतीश चंद्र सिंकू के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी. जांच के क्रम में पता चला कि पहली बार पूर्व डीएसओ अनिल कुमार अनुसंधान के क्रम में फाइल ले गये थे.

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