Bareilly : उत्तर प्रदेश की बरेली लोकसभा के पूर्व सांसद एवं उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रवीण सिंह ऐरन और उनके साथियों को गुरुवार को न्यायालय (कोर्ट) ने 17 वर्ष पुराने मामले में दोष मुक्त करार दिया है. उनके खिलाफ वर्ष 2006 नगर निकाय चुनाव के दौरान आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की गई थी. भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के आरोप के साक्ष्य न होने के कारण कोर्ट ने क्लीन चिट (बाईज्जत बरी किया ) दी है. उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव, 2006 में पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन की पत्नी पूर्व मेयर सुप्रिया ऐरन बरेली नगर निगम के मेयर का कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही थीं. पूर्व सांसद उनके इलेक्शन एजेंट थे. उन्होंने बताया कि 31 अक्टूबर, 2006 को मतदान के दिन शहर के बारादरी थाना क्षेत्र के जोगी नवादा स्थित पंडित दीनानाथ मिस्र इंटर कॉलेज के पोलिंग बूथ पर विपक्षी पार्टी के नेता एवं उत्तराखंड सरकार की मंत्री रेखा आर्य के भतीजे के समर्थक पोलिंग बूथ पर कब्जा कर धांधली कर रहे थे.
मंत्री रेखा आर्य का भतीजा पार्षद का चुनाव लड़ रहा था. इसके बाद पार्टी के लोगों के साथ पोलिंग बूथ पर गए. यहां विपक्षी पार्टी के नेताओं ने धक्का मुक्की की. जिसके चलते लाइसेंसी रिवाल्वर नीचे गिर गया था. पुलिस ने रिवाल्वर और 14 कारतूस कब्जे में ले लिए थे. उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन करीब 63 हजार मतों के अंतर से चुनाव जीत कर बरेली की मेयर बनीं थीं. इसके बाद राजनैतिक दुषभावना के चलते उस वक्त के डीएम भुवनेश कुमार के निर्देश पर बारादरी थाने में 144/188 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर सकीं. इसके साथ ही नक्शा नजरी भी नहीं था. पूर्व सांसद ने बताया कि साक्ष्य न होने पर कोर्ट ने साथियों के साथ बाइज्जत बरी कर दिया है. कोर्ट से फैसला आने के बाद सपा के पूर्व सांसद को लोगों ने बधाई दी. इसके साथ ही मालाएं पहनाकर स्वागत किया.
रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली