पंचायत चुनाव : मालदा में पूर्व पंचायत प्रधान टीएमसी लीडर मुस्तफा शेख की हत्या, कांग्रेस पर लगा मर्डर का आरोप
पश्चिम बंगाल में फिर एक हत्या हो गयी है. पंचायत चुनाव से पहले मालदा जिले के सुजापुर में एक तृणमूल नेता की हत्या हुई है, जो पूर्व पंचायत प्रधान थे. मुस्तफा के परिजनों का आरोप है कि स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने पूर्व पंचायत प्रधान का मर्डर किया है.
पश्चिम बंगाल में तृणमूल नेता मुस्तफा शेख की हत्या कर दी गयी है. मुस्तफा शेख (Mustafa Sheikh Murder) तृणमूल नेता तो थे ही, वह पूर्व पंचायत प्रधान भी थे. मुस्तफा के परिजनों ने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं पर उनकी हत्या करने का आरोप लगाया है. मामला मालदा जिले के सुजापुर का है. पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद से ही बंगाल में हिंसक घटनाएं सामने आने लगी हैं. कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को संवेदनशील जिलों में तत्काल केंद्रीय बलों को तैनात करने का निर्देश दिया है.
पंचायत चुनाव की घोषणा के साथ शुरू हुई हिंसा
मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और वामदलों ने भी पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की निगरानी में पंचायत चुनाव कराने की मांग की है. बंगाल में पंचायत चुनाव की घोषणा के बाद सबसे पहले एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या हुई थी. बाद में नामांकन शुरू होते ही हिंसा का दौर शुरू हो गया. कहीं सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के दो गुटों में संघर्ष हुआ, तो कहीं टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने अन्य दलों के लोगों को कथित तौर पर नामांकन करने से रोका.
दीनहाटा में तृणमूल-भाजपा के बीच झड़प, बमबाजी
एक सप्ताह तक चले नामांकन के दौरान कम से कम 3 लोगों की हत्या हो गयी. आज यानी शनिवार को कूचबिहार जिले के दीनहाटा में एक बीडीओ ऑफिस के पास केंद्रीय गृह राज्यमंत्री निशीथ प्रमाणिक पर हमला हो गया. स्क्रूटनी के दौरान तृणमूल कांग्रेस और भाजपा समर्थकों में झड़प हो गयी. दोनों पक्षों की ओर से जमकर बमबाजी हुई. इससे पहले राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राज्य निर्वाचन आयोग राजीव सिन्हा को तलब किया था.
8 जुलाई को वोटिंग, 11 जुलाई को काउंटिंग
उल्लेखनीय है कि राज्य निर्वाचन आयोग ने 8 जून को बंगाल में पंचायत चुनाव की तारीख का ऐलान किया था. नवनियुक्त एसईसी राजीव सिन्हा ने कहा था कि 8 जुलाई को पूरे बंगाल में एक साथ पंचायत चुनाव के लिए मतदान कराये जायेंगे. 11 जुलाई को मतगणना होगी. बता दें कि त्रिस्तरीय चुनाव में 75,000 जनप्रतिनिधि चुनने के लिए साढ़े पांच करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे.