बुलंदशहर के मंदिरों में मूर्तियां खंडित करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार, 17 देव प्रतिमाएं की थीं खंडित

बुलंदशहर के मंदिरों में मूर्तियां खंडित करने वाले चार आरोपी गिरफ्तार किए गये है. इस मामले में पुलिस ने ग्राम बराल निवासी हरीश शर्मा, शिवम, केशव और अजय को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त किया गया सब्बल भी बरामद कर लिया है.

By Radheshyam Kushwaha | June 9, 2023 12:38 PM

बुलंदशहर. उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कुछ दिन पहले मंदिरों में मूर्तियों को तोड़ने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. चारों आरोपी एक ही गांव के रहने वाले हैं. यह घटना गुलावठी क्षेत्र के बराल गांव की है. यहां पर 31 मई और 1 जून की रात में चार मंदिरों में स्थित 17 देव प्रतिमाओं को खंडित कर दिया गया था. इसके बाद पुलिस ने घटना का पर्दाफाश करने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया था. पुलिस ने ग्राम बराल निवासी हरीश शर्मा, शिवम, केशव और अजय को गिरफ्तार कर घटना में प्रयुक्त किया गया सब्बल भी बरामद कर लिया है.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

आरोपियों ने बताया है कि उन्होंने मंदिरों में नई मूर्तियों को स्थापित करने के लिए मूर्तियां तोड़ी थीं. क्योंकि मंदिरों में टूटी मूर्तियों की पूजा की जा रही थी. कई बार मूर्तियों को बदलने की मांग की गई थी. लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा था. फिलहाल पुलिस ने चोरों को जेल भेज दिया है. बता दें कि एक जून की सुबह बराल गांव के चार मंदिरों में तोड़फोड़ कर 17 देव मूर्तियों को खंडित कर दी गयी थीं. इस घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी. इस दौरान ग्रामीणों ने हंगामा करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी. पुलिस अधिकारियों ने जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देकर ग्रामीणों को समझा-बुझाकर शांत कराया था.

‘नई मूर्तियां लगाने के लिए खंडित की थी जर्जर मूर्तियां’

पुलिस के पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि मंदिरों में नई मूर्तियां लगाने के लिए ऐसा किया है. गांव के इन चारों मंदिरों में लगी देवी देवताओं की मूर्तियां काफी क्षतिग्रस्त हो चुकी थीं. लोग हर दिन उन्हीं जर्जर मूर्तियों की पूजा करते थे. हम लोगों ने कई बार चंदा करके मूर्तियों को बदलवाने की बात रखी. लेकिन किसी ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया. इसके बाद मंदिरों में लगी देव प्रतिमाओं को तोड़ने की प्लानिंग की. ताकि जब मूर्तियां खंडित जाएंगी तो कोई उनकी पूजा नहीं करेगा और नई मूर्तियां स्थापित की जाएगी.

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