शौचालय के टंकी की जहरीली गैस से गढ़वा में एक ही परिवार के तीन सदस्य समेत 4 लोगों की मौत
झारखंड में टॉयलेट की टंकी साफ करने के दौरान एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गयी. मामला गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड के डूमरसोता गांव का है. चार लोगों की मौत से गुस्साये लोगों ने मझिआंव-कांडी मुख्य पथ को जाम कर दिया.
मझिआंव (उपेंद्र नारायण) : झारखंड में टॉयलेट की टंकी साफ करने के दौरान एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गयी. मामला गढ़वा जिला के कांडी प्रखंड के डूमरसोता गांव का है. बुधवार को शौचालय की टंकी का शटरिंग खोलने के दौरान ये चारों लोग बेहोश हो गये. इन्हें मझिआंव रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉ शमसेर सिंह ने इनका परीक्षण करने के बाद सभी को मृत घोषित कर दिया. चार लोगों की मौत से गुस्साये लोगों ने मझिआंव-कांडी मुख्य पथ को जाम कर दिया.
मृतकों के नाम मिथलेश कुमार मेहता (40), नागेंद्र कुमार मेहता (19), अनिल कुमार मेहता (30) और प्रवीण कुमार मेहता (20) हैं. अनिल कुमार मेहता और मिथलेश कुमार महतो दोनों सगे भाई थे, जबकि नागेंद्र कुमार महतो मिथलेश का बेटा था. मृतकों को लेकर अस्पताल आये मिथलेश के चाचा बैजनाथ मेहता ने बताया कि शौचालय का टंकी अखिलेश दुबे का था.
सबसे पहले शटरिंग खोलने के लिए मिथलेश कुमार मेहता टंकी में अंदर घुसा. कुछ देर तक अंदर से उसने कोई आवाज नहीं दी, तो उसका पुत्र नागेंद्र कुमार मेहता उसे देखने के लिए टंकी के अंदर गया. उसने भी अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके बाद मिथलेश का भाई अनिल दोनों को देखने के लिए टंकी के अंदर उतर गया.
Also Read: IRCTC/Indian Railways: झारखंड, बिहार, बंगाल समेत देश भर में 20 अक्टूबर से चलेंगी 392 नयी फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें, पूरी LIST यहां देखेंतीन लोगों के अंदर उतरने और कोई जवाब नहीं मिलने पर प्रवीण भी टंकी में उतर गया. उसने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. इसके बाद वहां मौजूद लोगों को कुछ शक हुआ. लोगों को आशंका हुई कि ये लोग जहरीली गैस की चपेट में आकर बेहोश हो गये हैं. लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे. इनके चिल्लाने की आवाज सुनकर ग्रामीण भागे-भागे आये.
देखते ही देखते काफी लोग जमा हो गये. इन लोगों ने किसी तरह से सभी बेहोश पड़े लोगों को कांडी के सरकारी अस्पताल पहुंचाया. अस्पताल में कोई चिकित्सक नहीं था. आनन-फानन में लोग इन्हें मझिआंव रेफरल अस्पताल ले गये. यहां डॉक्टर ने सभी का बारी-बारी से परीक्षण किया और उन्हें मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल लाने से पहले ही इन लोगों की मौत हो चुकी थी.
Also Read: Jharkhand Coal Scam: कौन हैं दिलीप रे, जिसके लिए सीबीआइ ने मांगी उम्रकैद की सजालोगों का कहना था कि कांडी प्रखंड के सरकारी अस्पताल में यदि डॉक्टर होते, तो चारों लोगों की जान बच सकती थी. मृतक मिथलेश के भाई सुनील कुमार मेहता ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि कांडी अस्पताल में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है. न तो समय पर कोई चिकित्सक मिलते हैं, न ही इस अस्पताल में कोई चिकित्सीय व्यवस्था है. यहां तक कि एंबुलेंस की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है. अगर कांडी अस्पताल में कोई सरकारी डॉक्टर होता, तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती.
ठेकेदारी करता था मिथलेशमिथलेश कुमार मेहता बिल्डिंग बनाने के ठेके लेता था. अखिलेश दुबे का मकान वह ठेके पर बना रहा था. उसी की टंकी की शटरिंग खोलने के दौरान यह हादसा हो गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि मिथलेश मेहता बड़ा ठेकेदार था. काफी समय से बंद पड़े शौचालय की टंकी में डर से कोई मजदूर नहीं जा रहा था. इसलिए उसने खुद अंदर जाने का निश्चय किया. एक-एक कर चार लोग उसमें गये और सभी जहरीली गैस की चपेट में आ गये.
Posted By : Mithilesh Jha