कानपुरः प्रसिद्ध ऑडियो प्लेटफार्म गाथा और आईआईटी कानपुर के राजभाषा प्रकोष्ठ और शिवानी केंद्र के तत्वावधान में 23 जुलाई को गाथा के चार वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में चतुर्थ गाथा महोत्सव के रूप में एक लिटरेचर फेस्टिवल का आयोजन आईआईटी कानपुर के आउटरीच सभागार में होने जा रहा है. वर्तमान की भागमभाग की जिंदगी में जब पुस्तकें जनसामान्य की शैली से अप्रासंगिक होने लगी है.
तब लोगों को साहित्य से जोड़े रखने में गाधा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. गाथा के माध्यम से हिंदी के प्रसिद्ध रचनाकारों को आप बार बार लगातार सुन सकते हैं.वहीं राजभाषा प्रकोष्ठ और शिवानी केंद्र हिंदी साहित्य को देश की सर्वश्रेष्ठ मेधा तक न सिर्फ पहुंचा रहे हैं बल्कि उन्हें हिंदी के प्रति समर्पित भाव से जोड़कर हिंदी का कोष समृद्ध करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं.
गाथा महोत्सव का एकदिवसीय आयोजन जो सुबह 9.45 बजे आरंभ हो जाएगा. साहित्य के अनेक आयामों से पूरे दिन दर्शकों को आनंदित भी करेगा और हिंदी साहित्य के प्रति उनकी रुचि में अभिवृद्धि भी करेगा. साहित्य, संस्कृति और फिल्म जगत की नामचीन हस्तियों से संवाद के दौर बहुत सी नई जानकारियाँ तो प्रदान करेंगे ही साथ ही नए दृष्टिकोण भी रचने में सुगमता होगी.
चर्चा करने वालों में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति विभाग मुकेश मेश्राम, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा, सुप्रसिद्ध उपन्यकार मनीषा कुलश्रेष्ठ. फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम, लेखक नवीन चौधरी, हिंदी अकादमी के सचिव ऋषि कुमार शर्मा जैसे लोग एक ही मंच पर होंगे. वहीं अमित श्रीवास्तव की नृत्य नाटिका, ओपन माइक, कथाकथन और श्रावणी संगीत जैसे कार्यक्रम सम्मोहन के उच्चतम शिखर तक जनसामान्य को ले जाने में सक्षम होंगे.
कार्यक्रम का समापन प्रत्येक वर्ष की भांति कवि सम्मेलन से होगा. जिसमें देश के सबसे वरिष्ठ और चर्चित संचालक डॉ शिव ओम अंबर, प्रसिद्ध गजलकार अजहर इकबाल , डीडी उर्दू के निर्देशक नाज इकबाल, प्रसिद्ध हास्यकवि डॉ. सर्वेश अस्थाना और चर्चित गीतकार डॉ. भावना तिवारी अपनी कविताओं से सभी को आनंदित करेंगे. कार्यक्रम सुबह 9.45 बजे से आरंभ होकर शाम को 8.00 बजे तक चलेगा. पूरे दिन एक से बढकर एक आयोजनों की श्रृंखला में आनंद लेने के लिए सभी नगरवासी निशुल्क प्रवेश पा सकते हैं. कार्यक्रम में प्रवेश हेतु मात्र रजिस्ट्रेशन करना है जिसकी कोई फीस नहीं है. अधिक जानकारी के लिए https://gaathaonair.com/gaatha-mahotsav-2023/ की वेबसाइट पर भी जा सकते हैं.
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भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) कानपुर की स्थापना 2 नवंबर 1959 को संसद के एक अधिनियम द्वारा की गई थी. संस्थान का विशाल परिसर 1055 एकड़ में फैला हुआ है. जिसमें 19 विभागों, 22 केंद्रों, इंजीनियरिंग, विज्ञान, डिजाइन, मानविकी और प्रबंधन विषयों में 3 अंतःविषय कार्यक्रमों में फैले शैक्षणिक और अनुसंधान संसाधनों के बड़े पूल के साथ 540 पूर्णकालिक संकाय सदस्य और लगभग 9000 छात्र हैं. औपचारिक स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अलावा, संस्थान उद्योग और सरकार दोनों के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास में सक्रिय रहता है.