कियोस्क दिलाने के नाम पर ठगी, रायपुर पुलिस ने तिलैया डैम में की छापेमारी, महिला समेत 6 साइबर क्रिमिनल गिरफ्तार
Cyber crime in jharkhand, Koderma news, चंदवारा (कोडरमा) : छत्तीसगढ़ के रायपुर की पुलिस ने कोडरमा जिला अंतर्गत तिलैया डैम से संचालित हो रहे साइबर क्राइम गिरोह का खुलासा किया है. साइबर पुलिस की टीम ने इस मामले में एक महिला समेत 6 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. 5 की गिरफ्तारी तिलैया डैम के बड़की धमराय स्थित अजय प्रकाश के मकान से हुई है, जबकि एक अन्य आरोपी को टीम ने बिहार से गिरफ्तार किया. इनके पास से एक लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, 16 मोबाइल, साढ़े 51 हजार रुपये नकद, एक स्कार्पियो समेत अन्य सामान बरामद किया गया है. आरोपी बैंक का कियोस्क दिलाने के नाम पर एवं अन्य उपाय लगाकर ठगी करते थे.
Cyber crime in jharkhand, Koderma news, चंदवारा (कोडरमा) : छत्तीसगढ़ के रायपुर की पुलिस ने कोडरमा जिला अंतर्गत तिलैया डैम से संचालित हो रहे साइबर क्राइम गिरोह का खुलासा किया है. साइबर पुलिस की टीम ने इस मामले में एक महिला समेत 6 साइबर क्रिमिनल को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. 5 की गिरफ्तारी तिलैया डैम के बड़की धमराय स्थित अजय प्रकाश के मकान से हुई है, जबकि एक अन्य आरोपी को टीम ने बिहार से गिरफ्तार किया. इनके पास से एक लैपटॉप, स्कैनर, प्रिंटर, 16 मोबाइल, साढ़े 51 हजार रुपये नकद, एक स्कार्पियो समेत अन्य सामान बरामद किया गया है. आरोपी बैंक का कियोस्क दिलाने के नाम पर एवं अन्य उपाय लगाकर ठगी करते थे.
आरोपियों की पहचान 18 वर्षीय गुलशन कुमार निवासी पीरबिगहा, 19 वर्षीय सूरज कुमार, 29 वर्षीय सुरेंद्र कुमार निवासी चंडीपुर, 22 वर्षीय रामलखन कुमार पीरबिगहा, 23 वर्षीय संजीत कुमार निवासी नेरपुर, 20 वर्षीय अंजली कुमार निवासी पीरबिगहा जिला वारसलीगंज नवादा बिहार शामिल हैं.
क्या है मामला
छत्तीसगढ़ के मुंगली जिला निवासी अशोक कुमार यादव पिता रामकुमार यादव ने गत एक नवंबर को साइबर थाना में ठगी को लेकर मामला दर्ज कराया था. फिनो स्मॉल फाइनेंस बैंक का लोक सेवा केंद्र चलाने वाले अशोक ने आरोप लगाया गया था कि गौरव गुप्ता नामक व्यक्ति एवं अन्य ने अलग-अलग मोबाइल नंबर से फोन कर बैंक का कियोस्क दिलाने की बात कही. फिर ईमेल आईडी से वेबसाइट का लिंक भेजकर रजिस्ट्रेशन के लिए बोला गया.
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रजिस्ट्रेशन के नाम पर मोफिदुल इस्लाम के नाम से SBI के खाते में 15 हजार फोन- पे से ट्रांसफर किया. इसके बाद यूजर आईडी एवं पासवर्ड दिया गया. बाद में जीएसटी चार्ज, विजिट चार्ज, ओडी अकाउंट के नाम पर अलग-अलग समय में कुल एक लाख 16 हजार रुपये बैंक खाते में मंगा लिए. 7 नवंबर के बाद संबंधित मोबाइल नंबर बंद मिलने लगा, तो ठगे जाने का एहसास हुआ. अशोक ने आवेदन में सरकारी नाम से मिलते-जुलते अलग-अलग वेबसाइट का जिक्र करते हुए बड़े स्तर पर फर्जी रैकेट संचालित होने का अंदेशा जाहिर किया था. इस मामले की जांच रायपुर की साइबर पुलिस कर रही थी. जांच के क्रम में मिले सुराग के आधार पर स्थानीय डैम ओपी प्रभारी विशाल पांडेय की मदद से छापामारी अभियान चलाया गया.
करीब ढेड़ माह से किराये के कमरे में रह रहे थे सभी
बताया जाता है कि आरोपी बड़की धमराय के ऊपरी भाग में अजय प्रकाश के मकान में किराये का कमरा लेकर करीब डेढ़ माह से रह रहे थे. गिरोह ने डैम को अपना अड्डा इसलिए बनाया था क्योंकि यहां के एटीएम में सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है. पैसे की निकासी करने के बाद इनकी तस्वीर कैद नहीं होती थी. इसी का फायदा ये उठा रहे थे. हालांकि, इस गिरोह का सरगना हाथ नहीं आया. गिरोह के द्वारा लाखों रुपये की ठगी किये जाने की जानकारी सामने आयी है. छापेमारी का नेतृत्व रायपुर के साइबर डीएसपी अभिषेक कुमार केसरी कर रहे थे. टीम में साइबर इंस्पेक्टर निशित अग्रवाल, रजनीश कौशिक एवं अन्य शामिल थे.
क्या है कियोस्क
यह एक छोटा इंटरनेट सक्षम बूथ होता है. इसके सहारे ग्राहक बैंकिंग कार्य से जुड़े कई सारे कार्य हो सकते हैं. बैंकों द्वारा कई इलाकों में कियोस्क खोले गये हैं, ताकि बिना बैंक जाये ग्राहकों को आसानी से काम हो सके.
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Posted By : Samir Ranjan.