गिरिडीह : रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला से लाखों की ठगी, सरकारी टीचर पर लगा आरोप
रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर गिरिडीह की एक महिला से साढ़े आठ लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी करने का आरोप एक टीचर पर लगा है. बताया गया कि पहले पीड़िता के बेटे को नौकरी का लालच देकर उसकी मां को विश्वास में लिया. फिर, धीरे-धीरे लाखों की ठगी की लिया.
गिरिडीह, मृणाल कुमार : रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर गिरिडीह की एक महिला से आठ लाख रुपये ठगी करने का मामला प्रकाश में आया है. ठगी करने का आरोप एक सरकारी शिक्षक पर लगा है. अब महिला जब अपने रुपये वापस मांग रही है, तो पिछले दो साल से आरोपी शिक्षक द्वारा टाल-मटोल किया जा रहा है. ऐसे में अब महिला ने इस मामले में पुलिस-प्रशासन को आवेदन देकर आरोपी शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. उक्त शिक्षक के द्वारा महिला के पुत्र को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर अलग-अलग किस्तों में कुल 8.50 लाख रुपये की ठगी की गयी है.
क्या है मामला
गिरिडीह के बक्सीडीह रोड निवासी ज्योति कुमारी का पुत्र सुर्दशन कुमार हजारीबाग में रह कर प्रतियोगी परिक्षा की तैयारी करता है. वर्ष 2021 में सुर्दशन की दोस्ती हजारीबाग में ही उसके साथ रहने वाले छोटेलाल नामक एक युवक से हुई. इस दौरान छोटेलाल ने सुर्दशन को बताया कि वह एक ऐसे व्यक्ति को जानता है जो रेलवे में नौकरी लगाने का काम करता है. इसके बाद छोटेलाल द्वारा सुदर्शन को हजारीबाग के कलहाबाद-बरकट्टा हजारीबाग के रहने वाले सरकारी शिक्षक बीरेंद्र ठाकुर से मिलाया गया. बीरेंद्र गिरिडीह के जमुआ प्रखंड में एक सरकारी शिक्षक है और गिरिडीह में किराये का मकान लेकर रहता है. सुदर्शन से मिलने के बाद बीरेंद्र सीधे उसकी मां ज्योति अग्रवाल से मिलने उनके घर पहुंच गया और नौकरी दिलाने का आश्वासन देकर उन्हें अपने झांसे में लेकर अलग-अलग किस्तों में कुल 8.50 लाख रुपये की ठगी कर ली.
कोविड के दौरान ली गयी सभी राशि
पीड़ित ज्योति ने बताया कि पांच जनवरी ,2021 को तीन लाख, 22 फरवरी को तीन लाख, एक बार 1.50 लाख और फिर एक लाख रुपये दिया गया. बताया कि एक बार बीरेंद्र उनके घर आकर, तो दो बार उनके पुत्र ने बस स्टैंड जाकर एक होटल में उन्हें रुपये दिये हैं. रुपये लेने के बाद बीरेंद्र ने भरोसे के लिए चेक भी दे दिया. इस दौरान मार्च 2022 तक नौकरी दिलाने की बात थी और नौकरी नहीं लगने पर रुपये वापस करने का भरोसा दिया था.
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कई बार ले गया था कोलकाता
ज्योति ने बताया कि रुपये लेने के बाद बीरेंद्र ठाकुर और छोटेलाल ने उनके पुत्र सुदर्शन को कई बार कोलकाता लेकर गया और दिखावा के लिए अलग-अलग फाॅर्म भरवा कर आना-जाना करने लगा. इस बीच उनकी तबीयत बिगड़ गयी और वह दुर्घटना में घायल हो गयी. एक तरफ पुत्र की नौकरी नहीं लग रही थी और दूसरी तरफ उनका सारा पैसा खर्च हो चुका था. ऐसे में अस्पताल में कुल तीन लाख रुपये का बिल आने के बाद जब उन्होंने बीरेंद्र से रुपये की मांग की, तो वह रुपये देने में टाल-मटोल करने लगा. इसी बीच बीरेंद्र ने कहा कि आपके पुत्र का जॉब लेटर आ गया है. एक लाख रुपये जमा करना पड़ेगा. कहा कि उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने रुपये देने से मना कर दिया. बीरेंद्र ने 10 जुलाई तक रुपये वापस करने की बात कही है.
मैं मिडियेटर हूं, राहुल को दिया गया है सारा पैसा : बीरेंद्र
इस संबंध में बीरेंद्र ने बताया कि वह एक शिक्षक है और इसके अलावा कुछ-कुछ सामाजिक कार्य करते हैं. कहा कि ज्योति के पुत्र को नौकरी दिलाने के लिए जितने रुपये लिये गये है वह सारी राशि उसने हजारीबाग के रहने वाले राहुल नामक युवक को दिया है. राहुल ने ही नौकरी दिलाने की बात कही थी. कहा कि इस मामले में वह राहुल से भी बातचीत कर रहा है. उसे 10 जुलाई तक रुपये वापस करने की बात कहा है. कहा कि उसने किसी के साथ ठगी नहीं किया है.