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Free Food in Vrindavan: वृंदावन में इन जगहों पर मिलता है मुफ्त में खाना, एक बार जरूर करें विजिट

Free Food in Vrindavan: अगर आप वृंदावन घूमनें का प्लान कर रहे हैं, तो हम आपको अच्छे टूरिस्ट स्पॉर्ट्स के साथ साथ यहां पर फ्री में खाने को लेकर कुछ जगहों के बारे में बतलाने जा रहे हैं, जहां पर खाने के लिए आपको मुफ्त में खाद्य पदार्थ मिलेंगे.

By Shaurya Punj | September 14, 2023 3:14 PM
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Free Food in Vrindavan: देश विदेश से लाखों लोग वृंदावन दर्शन के लिए आते हैं. यहां पर आने वाले लोगों के लिए खाने की कई सारी सुविधा है, वे भी मुफ्त में, आइए जानें वृंदावन में खाने के लिए मुफ्त में भोजन कहां कहां मिलता है

चना पूआ आश्रम

वृंदावन स्थित चना पूआ आश्रम में खाने की सुविधा मिलती है. आपको बता दें यहां सुबह की चाय से लेकर रात का डिनर बिलकुल फ्री में मिल जायेगा. सुबह से समय यहां पर 7 बजे सबसे पहले आपको चाय और नाश्ता मिलेगा. इसके बाद सुबह के नाश्ते में 9 बजे के आस पास यहां पूआ-सब्जी मिलेगी. दिन के 3 बजे यहां चाय-पकौड़ी का स्वाद मिलेगा और शाम 5 बजे से आपको पूड़ी, सब्जी, दाल और चावल के साथ रात खाना भी मिल जायेगा.

गौरी गोपाल आश्रम

वृंदावन स्थित गौरी गोपाल आश्रम में भी आपको खाने की सुविधा फ्री में मिलेगी. आपको बता दें यहां पर सुबह के 8 से ही श्रद्धालुओं की लाइन लग जाती है. गौरी गोपाल आश्रम में दिन भर भीड़ देखने को मिल जाती है, यहां पर हमेशा खाना उपलब्ध होता है.

AC कमरे में बैठ कर लें खाने का मजा

वृंदावन में फ्री के खाने का एक और अच्छा ऑप्शन आपको मिल सकते है. आपको बता दें वृंदावन में श्री जी की रसोई में बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बिलकुल मुफ्त में खाना मिलता है. यहां पर आपको आप अपने परिवार के साथ AC कमरे में बैठ कर खाना खाने को मिलता है. यहां खाने के लिए आपको पहले अपना आधार कार्ड दिखाना होगा. यह रसोई सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक और शाम को 7 से 9 बजे तक ही खुलती है.

वृंदावन के बारे में रोचक तथ्य

  • वृंदावन भगवान कृष्ण की याद दिलाता है. यह हिंदू धर्म के लिए काफी पवित्र स्थल माना जाता है.

  • मगर इस मंदिर से जुड़े अनेकों ऐसे राज हैं, जो आपको नहीं पता होगा. इस वजह से हमने कुछ फैक्ट्स नीचे बताए हैं.

  • वृंदावन में आज भी बांसुरी की आवाज सुनाई देती है. यह आवाज सुनने के लिए लोग कई रातों तक वृंदावन में रुकते हैं.

  • भारत का सबसे ऊंचा मंदिर जिसे प्रेम मंदिर कहा जाता है, जो कृष्ण और राधा को समर्पित है, वह वृंदावन में स्थित है.

  • भगवान श्री कृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, जो वृंदावन से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

  • वृंदावन में आपको अनेकों ऐसे मंदिर मिल जायेंगे, जिनमें अप्रतिम कारीगरी की गई है.

  • वृंदावन में बहुत से ऐतिहासिक धरोहर, सैकड़ों आश्रम और कई गौशालाएं हैं. यहां पर बहुत सारा विधवा आश्रम होने के कारण वृंदावन को विधवाओं का शहर भी कहा जाता है. यहां पर बड़ी संख्या में विधवाएं रहती हैं.

  • वृंदावन अपने मंदिर और खूबसूरत वातावरण के साथ प्रमुख हिंदू स्थल के रूप में प्रसिद्ध है.

वृंदावन में घूमने की जगह

केसी घाटो

केसी घाट वृंदावन के धार्मिक स्थलों में से एक है. भगवान श्री कृष्ण ने अपने बचपन का ज्यादातर समय वृंदावन में बिताए थे और माना जाता है. इसी घाट पर भगवान श्री कृष्ण ने दुष्ट राक्षस केसी का वध किया था और उसके अत्याचार और दुष्टता से उनके मित्र व समुदायों को बचाया था.

धन वाणी

वृंदावन में घूमने लायक जगह में से एक धनवाणी है. माना जाता है भगवान श्री कृष्ण यहां पर रासलीला क्या करते थे. यहां पर सुबह 5:00 बजे से शाम के 8:00 बजे तक घूमने के लिए आ सकते हैं.

बंसीवट

वृंदावन में स्थित बंसीवट में पर्यटक को अत्यंत ही सुखद की अनुभूति होता है. इस स्थान पर भगवान श्री कृष्ण शरद पूर्णिमा के दिन वृंदावन के सभी गोपियों के साथ महारास लीला किए थे. यहां पर एक वट का वृक्ष है, जो 5500 वर्ष से भी ज्यादा पुराना है. इसी वृक्ष के नीचे भगवान श्री कृष्ण ने बांसुरी बजाई, जिसकी मधुर धून सुन वृंदावन की सभी गोपियां अपने सभी कामकाज भूलकर इस पेड़ की ओर दौड़ पड़ी.

राधा दामोदर मंदिर

श्री राधा दामोदर मंदिर वृंदावन के खूबसूरत धार्मिक पर्यटन स्थलों में से एक है, जो दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यह मंदिर वृंदावन में स्थित सात गोस्वामी मंदिरों में से एक है, जिसकी स्थापना 1542 में एक गुरु श्रील जीवा गोस्वामी द्वारा की गई थी. मुगल काल में औरंगजेब ने इस मंदिर पर हमला भी किया, जिसके कारण इस मंदिर का काफी नुकसान हुआ. जिसके बाद 1740 में मूर्ति को जयपुर में स्थानांतरित कर दिया गया था.

यमुना नदी

वृंदावन शहर यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है, जिसके कारण यह नदी वृंदावन में बेहद महत्व रखता है. यमुना नदी का भगवान श्री कृष्ण से गहरा संबंध है. यमुना नदी को भगवान श्री कृष्ण की बहन कहा जाता है. यह नदी गंगा के समान ही भारत की पवित्र नदी है.

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