कानपुर के सेन पश्चिमपारा के कुमहउपुर गांव के पास तालाब किनारे 15 नवंबर 2022 को मिला शव बांदा के बबेरू अतर्रा रोड नेता नगर निवासी दिलीप चौरसिया का निकला. दिलीप की हत्या उसी के दोस्त शिव शंकर सविता ने अपने भाई सुशील के साथ मिलकर की थी. शिव शंकर ने उधार लिए हुए 50 हजार रुपये न चुकाने के लिए दोस्त को मार डाला था. आरोपी दिलीप को शराब पिलाने के नाम पर कुमहउपुर गांव ले गए और नशे में धुत कर चापड़ से गला रेत दिया. पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर चापड़ व वारदात में प्रयोग की बाइक बरामद कर ली है.
सेन पश्चिमपारा थाना(बिधनू) के कुमहउपुर गांव के पास 15 नवंबर 2022 को एक तालाब के पास रक्त रंजित शव मिला था. सिर और गर्दन के पास शराब की बोतल मिली थी. पुलिस और फोरेंसिक जांच में मृतक की जेब में एक डॉक्टर के क्लीनिक की पर्ची निकली थी, जिसमें दिलीप उम्र 24 जिला बांदा लिखा हुआ था. जिसके बाद से पुलिस बांदा जिले में छानबीन में जुटी हुई थी. एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा ने बताया कि लगातार तलाश करते हुए पुलिस अतर्रा में मृतक के भाई चाय की दुकान संचालक राम प्रसाद चौरसिया के पास पहुंची. तो राम प्रसाद ने बताया कि भाई दिलीप महीनों से लापता है. बताया कि अक्सर दिलीप नौकरी के लिए बिना बताए सूरत चला जाता था और कई महीनो तक वापस नहीं आता था. इसलिए गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई. राम प्रसाद ने बताया कि दिलीप ने दोस्त शिव शंकर को 50 हजार रुपये उधार दिए थे. इसके बाद पुलिस ने शिव शंकर सविता के मोबाइल नंबर की सहायता से लोकेशन निकलवाई तो घटना वाले दिन बिजनौर के पास रमईपुर की निकली. कड़ाई से पूछताछ में वह टूट गया और हत्या की बात कबूल कर ली.
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दिलीप सूरत में फैक्ट्री में काम करता था. बड़े भाई रामबाबू की कैंसर से मौत होने के बाद परिजनों ने उसकी पत्नी से दिलीप की शादी करवा दी थी. पत्नी से विवाद के कारण दिलीप अक्सर सूरत में ही रहता था. दोस्त शिव शंकर ने पार्लर खोलने के लिए उससे 50 हजार लिए थे. महीनों बितने के बाद भी रुपए वापस नहीं किए. दबाव बनाने पर शिव शंकर ने अपने ममेरे भाई सुशील के साथ उसकी हत्या की योजना बना डाली और 14 नवंबर की रात दोनों बाइक पर बैठा कर दिलीप को कुमहउपुर गांव के पास एक खेत में ले आए. जहां उसे शराब पिलाई इसके बाद चापड़ से सिर व गर्दन में कई प्रहार किए. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
शिव शंकर की बहन बिधनू में रहती है. बहन से मिलने के लिए शिव शंकर अक्सर बिधनू आता जाता रहता था. 14 नवंबर की रात शिव शंकर दिलीप को बांदा से फतेहपुर, चौडगरा होते हुए रमईपुर लेकर आया था. सर्विलांस टीम को घटना के दिन की उसकी लोकेशन मिली थी. शिव शंकर ने बताया कि बहन के बिधनू में रहने के कारण उसे यहां के रास्तों की जानकारी थी इसलिए यहां लाकर मारने की योजना बनाई थी.