गोरखपुर के कई गांवाें में फल- सब्जी का सेवन बहुत कम, 52 प्रतिशत बच्चे , 20 फीसद महिला एनीमिया से पीड़ित
गोरखपुर के चरगंवा ब्लॉक के 05 गांव में 52 % बच्चे और 20 फीसद महिला एनीमिया से पीड़ित पायी गयी हैं. यह रिपोर्ट सेंपल सर्वे करने वाली इंडियन काउंसलिंग फॉर मेडिकल रिसर्च की शाखा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रिशन हैदराबाद के सहयोग से क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र ने अध्ययन के बाद जारी की है.
गोरखपुर. फल दाल और हरी सब्जी के अभाव में पांच साल से कम उम्र के बच्चे और महिलाएं एनीमिया की शिकार हो रही हैं. गंदगी भी संक्रमित कर रही है.गोरखपुर के चरगंवा ब्लॉक के पांच गांव में 52 फीसद बच्चे और 20 फीसद महिला (माता) एनीमिया से पीड़ित पायी गयी हैं. यह रिपोर्ट सेंपल सर्वे करने वाली इंडियन काउंसलिंग फॉर मेडिकल रिसर्च की शाखा नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रिशन हैदराबाद के सहयोग से क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) ने अध्ययन के बाद जारी की है. प्रभावित बच्चों और मां की सूची स्वास्थ्य केंद्रों को सौंप दी गयी है. स्वास्थ्य विभाग इनको विटामिन और आयरन की गोलियां देकर सेहत सुधारने का काम करेगा.
पूरे प्रदेश में एनीमिया की स्थिति को लेकर अध्ययन
आरएमआरसी के वायरोलॉजिस्ट डॉ राजीव सिंह बताते हैं कि पूरे प्रदेश में एनीमिया की स्थिति को लेकर अध्ययन किया जा रहा है. गोरखपुर के चरगंवा ब्लॉक के पांच गांव में पांच साल तक के 692 बच्चों तथा 545 माताओं पर अध्ययन किया गया. इसमें 52 फीसद बच्चे और 20 फीसद माता एनीमिया से पीड़ित पायी गयी हैं. डॉ राजीव सिंह प्रजनन योग्य सभी महिलाओं की अनिवार्य रूप से जांच के पक्षधर हैं.उनका मानना है कि यदि ऐसा किया गया तो एनीमिया पीड़ितों की सही संख्या सामने आ सकेगी. इसके बाद ही बीमारी के प्रसार और बचाव की प्रभावी योजना बनायी जा सकती है.
साल में एक दो बार ही खाने को मिल रहे फल
वायरोलॉजिस्ट डॉ राजीव सिंह , नेशनल इंस्टीट्यूट आफ न्यूट्रिशन के डॉ राजा श्रीसवान और डॉ अनवर बासा की रिपोर्ट लोगों को साफ सफाई और खानपान के प्रति जागरूक करने की जरूरत बताती है. जांच में पाया गया है कि भोजन में दाल और हरी सब्जियों का नियमित सेवन नहीं हो रहा है. यह लोग साल में एक दो बार ही फल का सेवन कर पा रहे हैं. रहन-सहन भी सफाई से नहीं हो रहा है. इस कारण संक्रामक रोग भी फैल रहे हैं. जांच के दौरान तो नमूना लिये गये थे. हीमोग्लोबिन 8 से 10 मिलीग्राम प्रति डेसी लीटर पाया गया है. रक्त में प्रोटीन की कमी मिली है. आयरन की मात्रा एक से 11 नैनो ग्राम प्रति मिलीलीटर पाया गया जबकि यह 12 से अधिक होना चाहिये था.
इन गांव में बच्चों के स्वास्थ्य का अध्ययन
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गांव कुल नमूने – एनीमिक
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जंगल छात्रधारी 262 – 125
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गुलरिहा 98 – 64
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परमेश्वरपुर 183 – 118
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खुटहन 129 – 47
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अशरफपुर 20 – 15
इन गांव में लिए गए मां के नमूने
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गांव – कुल नमूने – एनीमिक
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जंगल छात्रधारी – 212 – 45
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गुलरिहा – 74 – 17
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परमेश्वरपुर – 149 – 37
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खुटहन – 94 – 09
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अशरफपुर – 16 – 02
रिपोर्ट–कुमार प्रदीप,गोरखपुर