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बालेश्वर रेल हादसे के 4 माह बाद 28 अज्ञात शवों का महिला स्वयंसेवकों ने किया सामूहिक अंतिम संस्कार

भरतपुर श्मशान गृह में पहले तीन शवों का अंतिम संस्कार मधुस्मिता प्रुस्टी (37), स्मिता मोहंती (53) और स्वागतिका राव (34) ने किया. प्रुस्टी ने कहा कि अज्ञात शवों के लिए यह पवित्र अनुष्ठान करने के वास्ते हम स्वयं आगे आये. हो सकता है कि वे हमारे पिछले किसी जन्म के रिश्तेदार हों.

ओडिशा के बालेश्वर जिले में हुए भीषण रेल हादसे के चार महीने बाद महिला स्वयंसेवकों की मदद से 28 अज्ञात शवों की अंत्येष्टि प्रक्रिया बुधवार (11 अक्टूबर) को पूरी कर ली गयी. अधिकारियों ने बताया कि इन शवों के लिए किसी ने दावा नहीं किया था. भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) की महापौर सुलोचना दास ने कहा कि रेल हादसे के बाद अज्ञात शवों के अंतिम संस्कार की प्रक्रिया मंगलवार शाम को शुरू हुई, जो बुधवार को सुबह करीब आठ बजे तक पूरी कर ली गयी. महिला स्वयंसेवकों ने अंतिम संस्कार में सक्रिय रूप से भाग लिया. तमाम बंधनों के बावजूद महिला स्वयंसेवक अज्ञात शवों की अंत्येष्टि के लिए आगे आयीं और चिताओं को अग्नि को समर्पित किया. उन्हें यह भी नहीं पता कि मृतक किस धर्म से थे, वे पुरुष थे या महिला. उन्होंने कहा कि सभी शवों को बर्फ के एक बक्से में चार महीने से भी अधिक समय से संरक्षित करके रखा गया था. शवों का बीएमसी द्वारा भरतपुर श्मशान गृह में अंतिम संस्कार किया गया. पहले तीन शवों का अंतिम संस्कार मधुस्मिता प्रुस्टी (37), स्मिता मोहंती (53) और स्वागतिका राव (34) ने किया. प्रुस्टी ने कहा कि अज्ञात शवों के लिए यह पवित्र अनुष्ठान करने के वास्ते हम स्वयं आगे आये. हो सकता है कि वे हमारे पिछले किसी जन्म के रिश्तेदार हों.

शवों की पहचान थी मुश्किल

राव ने कहा कि शवों की हालत ऐसी थी कि उनकी पहचान नहीं की जा सकती थी और कोई यह भी नहीं जान सकता था कि वे पुरुष थे या महिला. सबसे बढ़कर, वे इंसान थे और उनका अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ किया गया. एक स्वयंसेवक संगठन (एनजीओ) को ‘मुखाग्नि’ (अंतिम संस्कार के दौरान निभायी जाने वाली एक रस्म) देने और अस्थि विसर्जन के लिए नियुक्त किया गया था.

2 जून को बाहानगा बाजार में हुआ था भीषण रेल हादसा

बालेश्वर जिले के बाहानगा बाजार में दो जून को हुए भीषण रेल हादसे में मारे गये अज्ञात लोगों के शवों को बर्फ से भरे एक बक्से में भुवनेश्वर स्थित एम्स में रखा गया था. अस्पताल के अधिकारियों ने सीबीआइ के अधिकारियों की मौजूदगी में सभी शवों को बीएमसी को सौंप दिया था. सीबीआइ रेल हादसे की जांच कर रही है. बालेश्वर रेल हादसे में 297 लोगों की जान चली गयी थी. बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सभी अज्ञात शवों का राज्य सरकार, केंद्र सरकार और एनएचआरसी दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया है. अंतिम संस्कार के लिए शव सौंपने की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की गयी.

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शवों पर दावा करने कोई नहीं आया : एम्स

एम्स भुवनेश्वर के एनाटॉमी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर प्रवास त्रिपाठी ने कहा कि हालांकि इन चार महीनों में 28 शवों पर दावा करने कोई नहीं आया, लेकिन बाद में कोई भी दावा कर सकता है. इसलिए, कानूनी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए, हमने डीएनए संरक्षित किया है. एम्स भुवनेश्वर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि अस्पताल को चार जून की रात को 123 शव मिले थे और कैपिटल अस्पताल और अन्य निजी स्वास्थ्य सुविधाओं से 39 शव मिले थे. इनमें से 81 शवों की पहचान उनके परिजनों ने की थी, तथा 53 अन्य शवों की पहचान डीएनए प्रोफाइलिंग द्वारा की गयी और पुष्टि होने के बाद उनके परिवारों को शव दे दिये गये. एम्स भुवनेश्वर ने कहा कि शेष 28 शवों को 10 अक्तूबर को अंतिम संस्कार के लिए बीएमसी को सौंप दिया गया. रेल हादसे की जांच कर रही सीबीआइ ने हाल ही में शवों की अंत्येष्टि के लिए खुर्दा जिला प्रशासन से आग्रह किया था.

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