Loading election data...

भारत में पर्यटन उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है

कोविड के बाद पर्यटन का क्षेत्र एकदम स्थिर हो गया था, लोगों के मन में बहुत संशय था. पर इस क्षेत्र ने शानदार वापसी की है और इसी कारण सबका ध्यान वापस से पर्यटन की ओर गया है.

By प्रो निमित | September 27, 2023 8:34 AM

दुनिया के किसी भी देश के लिए पर्यटन बहुत जरूरी है. यह क्षेत्र लगभग विश्व के जीडीपी का दसवां भाग है. हर 11 में से एक नौकरी इस क्षेत्र से या इससे संबंधित क्षेत्र से आती है. यह आंकड़ा पूरी दुनिया का है और भारत में भी कोरोना महामारी के दर से पहले लगभग छह से सात प्रतिशत जीडीपी में योगदान पर्यटन और उससे जुड़े क्षेत्र से आ रहा था. साथ ही, हर 11-12 में से एक नौकरी इसी क्षेत्र से आ रही थी. पर्यटन का क्षेत्र बहुत बड़ा है. कृषि के अतिरिक्त पर्यटन इकलौता ऐसा क्षेत्र है कि जहां विकास इक्विटी के साथ होता है. यहां आप जितना पैसा लगायेंगे, उतना पैसा वापस आयेगा और पैसे का बंटवारा आम जनता में होता चला जायेगा. जैसे, जो पर्यटक आयेगा वह भारत के किसी दूर-दराज के क्षेत्र, गांव में चला जायेगा. तो एक दिन के लिए कहीं ठहरेगा, एक दिन एक टैक्सी लेगा, दूसरे दिन दूसरी टैक्सी लेगा, कुछ चीजें खरीदेगा. तो इस तरह वह पैसा कई लोगों में बांटता चला जायेगा. इससे उस पूरे क्षेत्र, गांव को लाभ पहुंचेगा. यह अकेला कारण है जिसकी वजह से पूरी दुनिया की सरकारों के लिए पर्यटन एक प्रिय क्षेत्र हो चुका है.

कोविड के बाद पर्यटन का क्षेत्र एकदम स्थिर हो गया था, लोगों के मन में बहुत संशय था. पर इस क्षेत्र ने शानदार वापसी की है और इसी कारण सबका ध्यान वापस से पर्यटन की ओर गया है. पर छोटी सी चुनौती, कोविड के दो-तीन वर्षों में हर गंतव्य की हुई हानि की भरपाई करने की है. इस कारण इस क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा थोड़ी बढ़ गयी है. दूसरी चुनौती है कि इस क्षेत्र में खेल और खिलाड़ी बदल गये हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो हमारी प्राथमिकताएं बदल गयीं हैं. पूरी दुनिया के लोग जागरूक हो गये हैं और कोरोना के दौरान घरों में बंद रहने पर जो घुटन हमारे भीतर उत्पन्न हुई थी, उसे दूर करने के लिए हम प्रकृति के समीप आने लगे हैं. पर्यटन को यदि व्यापकता में देखें, तो इसमें चिकित्सा, मानव कल्याण और आध्यात्मिकता समेत कई क्षेत्र समाहित हैं. आध्यात्मिकता में धार्मिक आध्यात्मिकता और अधार्मिक आध्यात्मिकता दोनों शामिल हैं. जब हम पहाड़ों पर, या हरियाली के समीप होते हैं, तो जो आनंद हमें प्राप्त होता है, उसे कहीं और प्राप्त नहीं किया जा सकता है.

एक महत्वपूर्ण बात यह है कि हर यात्रा हमारे भीतर परिवर्तन लाती है. एक छोर पर हम अध्यात्म से जुड़ सकते हैं और दूसरी तरह हम रोज-रोज की चिकचिक और काम की वजह से उत्पन्न थकान का दूर कर अपने स्वास्थ्य को बेहतर कर सकते हैं. इसे कहते हैं ट्रांसफॉर्मेशनल टूरिज्म यानी बदलाव के लिए होता पर्यटन. अब हम इस तरफ बढ़ रहे हैं. मनुष्य नैसर्गिक तौर पर प्रकृति से जुड़ा हुआ है. कोविड के बाद हमने इन चीजों को समझा है कि हम घरों में बंद होने के लिए नहीं बने थे, हम वास्तव में प्रकृति से जुड़ने के लिए बने हैं. यह एक बड़ा बदलाव आया है कि लोग स्वस्थ रहने के लिए यात्रा करना चाहते हैं. भारत में लोगों की प्राथमिकता में बदलाव आने के कारण पर्यटकों की संख्या और इस क्षेत्र से प्राप्त होने वाले राजस्व के मामले में हमने 2022-23 में कोविड पूर्व के स्तर को प्राप्त कर लिया.

कोविड के थोड़ा पहले लगभग पौने तीन करोड़ पर्यटक देश से बाहर जाना चाह रहे थे, जो नहीं जा सके. यह अच्छा ही हुआ कि देश में कोविड के पहले ही एक पहल शुरू हो गयी थी, कि देखो अपना देश. प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त, 2019 को आह्वान भी किया था कि हर व्यक्ति हर साल देश के कुछ जगहों को घूम कर आये. इसका सीधा अर्थ यह है कि जब मनुष्य घूमेगा और खर्च करेगा, तो पूरे देश की अर्थव्यवस्था में पैसों का सर्कुलेशन बढ़ेगा. जहां तक खर्च की बात है, तो दुनियाभर में पर्यटन के दौरान खर्च करने वालों में भारतीय सबसे ऊपर हैं. इसलिए कोविड से पहले और कोविड के तुरंत बाद पूरी दुनिया की निगाहें भारतीय पर्यटकों पर लगी हुई थीं.

एक बात और, कोविड के दौरान जब हमने अपने देश की यात्रा की, तो मालूम हुआ कि अपने देश में भी घूमने लायक बहुत सी जगहें हैं. इस तरह हमने अपना पैसा देश के भीतर ही खर्च किया. दूसरे, इससे हमारी मानसिकता में भी थोड़ा बदलाव आया. हमारा अंदाजा यह है 2024 के अंत तक चार करोड़ भारतीय बाहर घूम रहे होंगे. उसका भी लाभ भारत को मिलेगा. जो लोग बाहर जाते हैं, उनको भेजने वाली कंपनियां भारतीय ही होती हैं. उस पैसे का एक हिस्सा भारतीय पर्यटन उद्योग के पास भी जाता है. हाल के वर्षों में हमारा घरेलू पर्यटन भी बहुत बढ़ा है. हमारी अर्थव्यवस्था चल ही इसलिए रही है, क्योंकि हमें किसी की जरूरत नहीं पड़ी. बीते चार-पांच वर्षों में बहुत सी चीजें भी बदल गयी है. पहली है इंफ्रास्ट्रक्चर- इंटरनेट, इंटरनेट की स्पीड और 5जी. इससे पर्यटन को लाभ मिल रहा है. आप मोबाइल लेकर निकलिए और पूरी यात्रा करके आ जाइए. दूसरी बात रेल, रोड और हवाई सेवाएं, तीनों एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करने लगे हैं. कुल मिलाकर, भारत में पर्यटन उद्योग का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. हालांकि, पर्यटकों की संख्या में वृद्धि के लिए सुविधाओं को बेहतर करने की जरूरत है. पर्यटन मंत्रालय सभी कमियों पर ध्यान दे रहा है.

(ये लेखक के निजी विचार हैं.)
(बातचीत पर आधारित)

Next Article

Exit mobile version