फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (The Federation of Western India Cine Employees) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मीडिया और मनोरंजन उद्योग में काम फिर से शुरू करने की अनुमति मांगी है. प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शूटिंग के गाइडलाइन्स का एक ड्राफ्ट तैयार कर सरकार के सामने पेश किया है.
इस पत्र में लिखा गया है कि, मीडिया और मनोरंजन उद्योग की कई परियोजनाएं हैं जो लॉकडाउन के कारण रुकी हुई हैं और केवल पोस्ट प्रोडक्शन जैसे एडिटिंग, साउंड रिकॉर्डिंग, म्यूजिक रिकॉर्डिंग और अन्य जिनका काम लंबित है. यदि इन परियोजनाओं के लिए पोस्ट प्रोडक्शन की अनुमति दी जाती है तो न्यूनतम कार्यबल के साथ बंद स्टूडियो में किया जा सकता है, तो यह उन प्रोड्यूसर्स को बहुत राहत देगा, जिन्होंने भारी धनराशि इनवेस्ट की है और वे लॉकडाउन हटाए जाने के तुरंत बाद परियोजनाएं को रिलीज करने के लिए तैयार होंगे.’
पत्र में आगे यह भी लिखा गया है कि, “यदि आप ऐसा करने की अनुमति देते हैं, तो आपको ऐसे पोस्ट-प्रोडक्शन गतिविधियों में शामिल श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित सभी आवश्यक दिशानिर्देशों का पालन करने का आश्वासन देते हैं.”
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बीते दिनों फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने इम्प्लॉइज के प्रेसिडेंट बी एन तिवारी ने कहा था कि हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि कोई भी वर्कर्स बेरोजगार ना रहे. यूनिट छोटी होगी तो निर्माता को उनसे दो शिफ्ट में काम लेना होगा. रोटेशन पालिसी के तहत सभी को काम दिया जाएगा. काम के साथ साथ 5 लाख वर्कर्स की सुरक्षा भी सबसे अहम है.
बता दें कि, मनोरंजन जगत में 90 दिन में भुगतान का नियम हमेशा से कठिन रहा है लेकिन 25 मार्च से चले आ रहे इस लॉकडाउन के कारण बिना आमदनी के मुंबई जैसे महंगे शहर में किश्तें, किराया, भोजन आदि के खर्चें उठाना नामुमकिन सा हो गया है. इन कलाकारों की चिंता तब और बढ़ गयी, जब 15 मई को ‘आदत से मजबूर’ के अभिनेता मनमीत ग्रेवाल ने अपने मुबंई स्थित घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद देशभर में फिल्म और टेलीविजन शूट और पोस्ट-प्रोडक्शन गतिविधियों को रोक दिया गया था.