Gadar: साल 2001 में रिलीज हुई फिल्म गदर-एक प्रेम कथा को फैंस का ढेर सारा प्यार मिला था, ये फिल्म उस समय की ब्लॉकबस्टर फिल्मों में से एक थी. सकीना और तारा सिंह की रोमांटिक केमिस्ट्री दर्शकों को खूब पसंद आई थी, इसके अलावा तारा सिंह का हैंडपंप उखाड़ना हो या फिर दमदार डायलॉग हर सीन पर खूब सीटियां बजी थी. हालांकि उस समय फिल्म को कई तरह की कॉन्ट्रोवर्सी का भी सामना करना पड़ा था. डायरेक्टर अनिल शर्मा ने इसके बारे में खुलकर बात की है.
पिछले कुछ समय से बॉलीवुड इंडस्ट्री में बायकॉट मोमेंट चल रहा है. जिसकी वजह से फिल्मों पर इसका काफी असर देखने को मिल रहा है. इसपर आजतक से बात करते हुए अनिल शर्मा ने कहा कि हां अब सोशल मीडिया है, जैसे ट्विटर, इंस्टाग्राम हो गया. इसपर बातें काफी जल्दी पहुंच जाती है. पहले ये सब नहीं हुआ करता था. लोग दुकान पर खड़े होकर या फिर रोड पर एक दूसरे से बात करते हुए अपनी चीजें रखा करते थे.
अनिल शर्मा ने गदर की रिलीज के दौरान का एक किस्सा शेयर किया. जिसमें उन्होंने बताया कि जब गदर रिलीज हुई थी, तो बड़ा हंगामा हुआ था. कई लोगों ने थियेटर्स को आग लगा दी थी. भोपाल, हैदराबाद के कई थिएटर्स को आग के हवाले कर दिया गया था. लंदन के थिएटर्स में तो बियर की बोतलें लेकर लोग अंदर चले गए थे और सभी शीशे फोड़ने शुरू कर दिए थे. दरअसल कुछ लोगों को उस वक्त गलतफहमी हो गई थी कि ये फिल्म एंटी मुस्लिम है, जिसकी वजह से ये सब हंगामा हुआ. हमने ये फिल्म किसी भी धर्म को ठेस पहुंचाने के लिए नहीं बनाई.
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गदर की रिलीज के दौरान हुए बवाल को याद करते हुए अनिल बताते हैं, हर सिनेमा थिएटर के बाहर 50 पुलिस फोर्स तैनात रहती थी. हर 6 घंटे में पुलिस वालों की ड्यूटी बदलती थी. रोजाना आठ-आठ शोज होते थे. 24 घंटे फिल्म चलती थी. फिल्म जब रिलीज हुई थी, तो लगभग साढ़े पांच करोड़ ऑडियंस थिएटर पहुंची थी. फिल्म ने एक इतिहास रच दिया था. आज भी फिल्म को लेकर लोगों के बीच उत्सुकता जस के तस है. मैं अभी किसी फंक्शन से आ रहा था, तो दो महिलाओं ने मुझसे आकर पूछा सकीना फिल्म में होगी न. गदर एक फिल्म नहीं बल्कि इमोशन बन चुका है.